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उत्तराखंड: विरोध के बाद बैकफुट पर नसीहत देने वाले बीकेटीसी अध्यक्ष, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

उत्तराखंड: विरोध के बाद बैकफुट पर नसीहत देने वाले बीकेटीसी अध्यक्ष, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

BKTC president  देहरादून: दिल्ली में प्रस्तावित श्री केदारनाथ मंदिर विवाद को बढ़ता देख बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय अब बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। कांग्रेस समेत दिल्ली में प्रस्तावित मंदिर का विरोध करने वालों को कल तक नसीहत दे रहे थे, लेकिन अब उनका एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि के व्यावसायिक उपयोग और अन्य प्रकार से दुरुपयोग को रोकने के लिए श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) कानूनी प्रावधानों को तलाश रही है।

बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में कानून के विशेषज्ञों से सलाह लेने पर विचार.

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कुछ माह पूर्व हुई बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में कानून के विशेषज्ञों से सलाह लेने और आवश्यक प्रावधान करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया था। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भी इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण प्रस्तावित

श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली के नाम से दिल्ली में श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण प्रस्तावित किए जाने के समाचारों के बीच बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि उनके संज्ञान में आया था की कुछ लोग श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ धाम का नाम, फोटो, वीडियो इत्यादि का व्यावसायिक लाभ के लिए प्रयोग कर रहे हैं। इन धामों के नाम पर ट्रस्ट, संस्था इत्यादि बनाए जा रहे हैं। इससे आम श्रद्धालु भ्रमित होकर इन संस्थाओं को चंदा इत्यादि देते हैं।

 

विरोध के बाद बैकफुट पर नसीहत देने वाले बीकेटीसी अध्यक्ष

उन्होंने बताया कि हाल ही में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट, दिल्ली का नाम सामने आने से कुछ समय पूर्व एक अन्य संस्था श्री केदारनाथ धर्मशाला ट्रस्ट के बारे में भी सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी सामने आयी थी। जिसमें संस्था द्वारा केदारनाथ धाम के नाम पर धर्मशाला, मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल आदि बनाने जैसी बातें सामने आयी थीं।

रुपयोग रोकने की लिए समुचित कानूनी प्रावधान

अजेंद्र ने कहा कि हमारे विश्व प्रसिद्ध धामों के नाम से आम श्रद्धालु किसी प्रकार से भ्रमित ना हों, इसके लिए बीकेटीसी बोर्ड बैठक में चिंता जतायी गई थी और दुरुपयोग रोकने की लिए समुचित कानूनी प्रावधान तलाशने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की सेवा लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस पर कार्रवाई गतिमान है।

ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर पैंसे लेने की बात

उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय पूर्व इंटरनेट पर उत्सव नामक एक एप के माध्यम से श्री बदरीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं से घर बैठे ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर पैंसे लेने की बात सामने आयी थी। इस पर केदारनाथ मंदिर के प्रभारी अधिकारी द्वारा 24 जून को सोनप्रयाग थाने में तहरीर दी गई है।

भ्रामक संस्थाओं अथवा ट्रस्ट के झांसे में ना आए

बीकेटीसी अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वे किसी प्रकार के भ्रामक संस्थाओं अथवा ट्रस्ट के झांसे में ना आए। बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों में पूजा व्यवस्था, धर्मशाला निर्माण, संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था आदि का सभी कार्य मंदिर समिति के नियंत्रणाधीन हैं। बीकेटीसी की अधिकृत वेबसाइट http://www.badrinath-kedarnath.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पूजाओं व अन्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

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