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इस महिला पर Google ने बनाया Doodle, जानें क्यों हैं इतनी खास

कुश्ती भारत का काफी पुराना खेल है। कुश्ती में हमेशा से पुरुषों का दबदबा रहा है। पहले ऐसा माना जाता था कि कुश्ती पुरुषों का खेल है। महिलाओं को कमजोर माना जाता था। लेकिन, हामिदा भानू ने पुरुषों को उन्हीं के खेल में धूल चटाकर भारत की पहली प्रोफेशनल महिला पहलवान बनीं थी। हामिदा बानू Google ने उन पर आज अपना Doodle बनाया है।

हामिदा ने ही देश में प्रोफेशनल कुश्ती में महिलाओं की एंट्री का रास्ता खोला था। उन्हीं की मेहनत और जिद का असर है कि आज दुनियाभर में भारतीय महिला पहलवान की धाक है। उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए साक्षी मलिक जैसी महिलाओं ने कुश्मी में देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक दिलाएं हैं। हामिदा बानू 1940 से 1950 के दशक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। वो देश की पहली महिला पहलवान थी, जिन्होंने कुश्ती में देश के नामचीन पहलवानों को मात दी है।

कुश्ती के लिए हामिदा बानू को काफी कुछ सहन करना पड़ा है। हमीदा बानू एक दिन अचानक कुश्ती की रिंग से बाहर हो गईं। हामिदा बानू के बेटे की मानें, तो महिला के तौर पर समाज को उनका कुश्ती खेलना पसंद नहीं थी। उनको कुश्ती से बाहर रखने के लिए कई तरह से रोका गया। उन्होंने बताया कि हामिदा को काफी पीटा गया। हामिदा के पैर टूट गए, जिसकी वजह से वो कुश्मी में दोबारा नहीं लौट सकी।

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