उत्तराखंड : कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर कसेगी नकेल, रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी, 1 लाख तक जुर्माना
देहरादून: देहरादून में कोचिंग सेंटरों की भरमार है। यहां कदम-कदम पर कोई ना कोई कोचिंग सेंटर खुला है। इनमें राज्य के और राज्य के बाहर के हजारों युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। लेकिन, इनके संचालन के लिए अब तक कोई नियमावली ही नहीं है। अब केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कोचिंग सेंटर के लिए नियमावली बनाई जा रही है।
कोचिंग सेंटरों संचालकों को करना होगा मानकों का पालन
नियमावली बनने के बाद कोचिंग सेंटर संचालकों को मानकों का पालन करना होगा। इसके लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं। जिलों में एक अधिकारी भी तैनात किया जाएगा, जो इन पर नजर बनाए रखेंगे। कुल मिलाकर कोचिंग सेंटरों की मनमानी पर रोक लगाने की पूरी तैयारी है।
ये हैं कोचिंग सेंटरों के लिए नियम
राज्य में निजी कोचिंग सेंटरों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके जिला स्तर पर रजिस्ट्रेशन अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। कोचिंग सेंटर के साथ छात्र-छात्राओं या संचालक का छात्र-छात्राओं के साथ विवाद होने की स्थिति में सुनवाई और कार्रवाई की प्रक्रिया भी होगी। इसके तहत हर जिले में अपीलीय प्राधिकारी नियुक्त होगा। साथ ही एक नियामक संस्था भी बनाई जाएगी।
ये होगी कार्रवाई
अगर कोई छात्र पूरी फीस जमा कराने के बाद कोचिंग को बीच में छोड़ता है तो संस्थान को बाकी फीस 10 दिन में लौटानी होगी। छात्रावास और मेस फीस भी लौटानी होगी। हर पाठ्यक्रम के लिए फीस भी तय होगी और संचालक को उसकी रसीद भी छात्र को देनी होगी। फीस को कोर्स के बीच में नहीं बढ़ाया जाएगा। छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए सेंटर में समिति का गठन भी करना होगा।
इतना देना होगा जुर्माना
कोचिंग सेंटर के लिए तय किए गए मानकों का सख्ती से पालन करना होगा। नियमानुसार अगर कोई कोचिंग सेंटर नियमों का पालन नहीं करता तो पहली बार अपराध पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर एक लाख रुपये जुर्माना देना होगा। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।