उत्तराखंड : दो लड़कियों को मिला लड़कों का दर्जा, सुनकर हर कोई हैरान
हल्द्वानी : लड़का या लड़की होना मां के गर्भ से ही तय हो जाता है। तीसरे जेंडर की मान्यता किन्नरों को मिल चुकी है। लेकिन, इस बीच कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें लड़के या लड़कियों ने आधुनिक मेडिकल साइंस की मदद से अपने जेंडर तक बदल डाले। जेंडर बदलने के साथ ही उनकी पहचान भी बदल गई। जो पहले लड़कियों के रूप में थी, वो अब लड़के बन चुके हैं। हालांकि, कुछ मामले मेडिकल सांइस से अलग भी होते हैं। ऐसा ही एक माला उत्तराखंड में सामने आया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जन्म से लिंग के विपरीत जीवनयापन कर रहीं दो लड़कियों को अब लड़कों का दर्जा मिल गया है। भारत सरकार के नेशनल पोर्टल फार ट्रांसजेंडर पर्सन्स पर दोनों के नाम दर्ज होने के बाद डीएम ने उन्हें पहचान पत्र व प्रमाण पत्र सौंप दिए हैं।
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भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से उभयलिंगी व्यक्ति अधिनियम 2019 लागू किया गया है। इसके तहत लिंग के विपरीत जीवन जीने वाले युवक-युवतियों को नेशनल पोर्टल फार ट्रांसजेंडर पर्सन्स पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होता है। पोर्टल पर जिले की दो युवतियों ने लड़के का दर्जा पाने के लिए आवेदन किया था। डीएम धीराज गर्ब्याल ने बताया कि आवेदकों को विधेयक की धारा पांच के अधीन पहचान पत्र व प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर आवेदन करने के बाद लड़के व लड़कियों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाता है, ताकि कोई गलत प्रमाण पत्र न बन सके। लोग इस पोर्टल पर सीधे आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पहचान बदलने वालों के नाम नियमानुसार सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं।