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उत्तराखंड : खिलाड़ियों ने ठुकराई सरकार की नौकरी, ये बेतुका नियम है वजह

देहरादून: सरकार ने खिलाड़ियों को आउट ऑर्फ टर्म नौकरी देने को लेकर अपनी खूब पीठ थपथपाई। मीडिया में भी सुर्खियां बनी। लेकिन, अब सरकार की आउट ऑफ टर्म नियुक्ति फजीहत करा रही है। प्रदेश की दो खिलाड़ियों ने नौकरी ज्वाइन नहीं कर रही हैं। दोनों के ही कारण अलग-अलग हैं। अब हम आपको बताएंगे कि आखिर दोनों ही खिलाड़ी सरकार की नौकरी क्यों नहीं करना चाहती हैं। ऐसी क्या अड़चन है, जिसके चलते दो खिलाड़ी नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाएंगी।

बॉक्सिंग खिलाड़ी प्रियंका चौधरी वर्तमान में रेलवे में तैनात हैं। उत्तराखंड सरकार ने खेल नीति के तहत आउट ऑफ टर्म नौकरी दी है, लेकिन प्रियंका ने नौकरी ठुकरा दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बॉक्सिंग खिलाड़ी प्रियंका चौधरी का कहना है कि उन्होंने आवेदन किया था और अपनी खेल उपलब्धि और शैक्षिक योग्यता के सभी प्रमाणपत्र लगाए थे। लेकिन, उनको योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं दी गई।

उनका कहना है कि उन्होंने एनआईएस डिप्लोमा किया है। साथ ही बीपीएड, एमपीएड भी किया है। बावजूद, उनको सहायक प्रशिक्षक पद दिया गया, जबकि उनसे कम शैक्षिक योग्यता के खिलाड़ी को उच्च पद पर तैनात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि क्वालीफिकेशन के साथ मांगी गई योग्यत को पूरा करती हैं, फिर भी उनको योग्यता से नीचे का पद दिया जा रहा है। रेलवे में भी सरकार की ओर से दिए गए पद से ऊंचे पद पर कार्यरत हैं।

चर्चित एथलीट गोल्डन गर्ल मानसी नेगी की बात करें तो उनको वन दरोगा का पद दिया गया था। इसके लिए वह वेरिफिकेशन कराने भी गई थीं, लेकिन पद के लिए इंटर साइंस के नियम उनके आड़े गया। सवाल यह है कि जब उनकी योग्यता ही नहीं थी, तो उनको नियुक्ति पत्र क्यों दिया गया? मानसी ने फिजिकल एजुकेशन से स्नातक किया है। फिलहाल मानसी बीपीएड कर रही हैं।

नौकरी हासल करने के लिए अब उनसे कहा जा रहा है कि उनको दोबारा साइंस से इंटर करना पड़ेगा, जिसके लिए चार साल का समय भी दिया जा रहा है। मानसी ने का कहना है कि जब वो पहले ही ग्रेजुएशन कर चुकी हैं, तो दोबारा इंटर क्यों करें? उन्होंने वन विभाग में ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया है।

ये एक और मामला
आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के मामले में स्वर्ण पदक विजेता को नौकरी मिलने और रजत पदक जीतने के बावजूद उनको नौकरी नहीं मिलने पर टनकपुर निवासी इमरान अली ने अब मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। अमर उजाला के अनुसार इमरान ने बताया कि उन्होंने 2017 में कनाडा में आयोजित कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार से स्कॉलरशिप भी मिली थी। जब आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के तहत उन्होंने आवेदन किया तो किसी पद पर नियुक्ति नहीं मिली। इसी कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर अल्मोड़ा की शुभांगिनी साह को खेल विभाग में सहायक कोच के पद नियुक्ति मिली है।

उत्तराखंड : खिलाड़ियों ने ठुकराई सरकार की नौकरी, ये बेतुका नियम है वजह

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