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उत्तराखंड : 10 साल में नहीं बन पाया एक मोटर नगर, भाजपा-कांग्रेस की मिलीभगत

उत्तराखंड : 10 साल में नहीं बन पाया एक मोटर नगर, भाजपा-कांग्रेस की मिलीभगत

कोटद्वार : कोटद्वार में पिछले 10 सलों से एक मोटर नगर का निर्माण हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि मोटर नगर आज तक बनकर तैयार नहीं हो पाया। मोटर नगर निर्माण में भाजपा-कांग्रेस एक दूसरे से मिली हुए नजर आते हैं। उत्तराखंड विकास पार्टी ने आरोप लगाया कि कोटद्वार में बन रहे मोटर नगर को खुर्द-बुर्द करने में भाजपा और कांग्रेस एक हो रखे हैं। इसी वजह से पिछले दस सालों से मोटर नगर में निर्माण कार्य नहीं हो पाया है।

पार्टी अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक हैं। सरकार किसी की भी हो भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि भले ही मीडिया में कांग्रेसी और भाजपा सांप नेवले जैसी दुश्मनी दिखाते हैं। अंध भक्त और चमचे सोशल मीडिया पर एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं, मगर जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात आती है तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के साथ इस कदर मिले हुए होते हैं कि दोनों को अलग-अलग पहचानना बहुत मुश्किल होता है।

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कोटद्वार मोटर नगर का भ्रष्टाचार भी चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रहा है। मुजीब नैथानी ने कहा कि उत्तराखण्ड पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप सेल की वेबसाइट कोटद्वार बस टर्मिनल को 23 करोड़ का प्रोजेक्ट बता रही है और इतने बड़े प्रोजेक्ट का करार मात्र 10 रुपये के स्टांप पेपर पर हो रखा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस के राज में सचिवालय में कैसे अधिकारी बैठे हैं जो लाखों लाख रुपया खाकर सरकार को ही चूना लगा रहे हैं । यह प्रोजेक्ट नगर पालिका परिषद कोटद्वार ने सचिवालय एवं निदेशालय शहरी विकास को स्वीकृत होने के लिए भेजा था । रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने की बजाय नगर पालिका ने सौ रुपए से काम चला लिया और सचिव शहरी विकास ने भी प्रोजेक्ट को अनुमति प्रदान कर दी। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि उत्तराखण्ड बनने के बाद भाजपा कांग्रेस ने उत्तराखण्ड सरकार को अनाथ कर दिया है। अधिकारी उत्तराखण्ड सरकार के पक्ष में काम करने की बजाय भू माफियाओं के पक्ष में काम करते हैं।

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सचिवालय और निदेशालय में बैठे अधिकारियों ने इस प्रोजेक्ट का पहला पन्ना तक नहीं देखा और सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा दिया गया, मगर आज तक किसी अधिकारी ने यह बात नहीं उठाई है, और यही वजह है कि आर्बिट्रेशन में सरकार की ओर से पक्ष को जानबूझकर के कमजोर किया गया और भू माफियाओं के पक्ष में निर्णय लेने के लिए गलत तथ्यों को प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड विकास पार्टी एक-एक करके इसके बिंदुवार गलतियों को जनता के समक्ष लाएगी।

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