
Uttarakhand Breaking : धामी कैबिनेट में अहम फैसले, पंचायत चुनाव का अब भी इंतजार!
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 20 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता पर भारतीय सशस्त्र बलों के अद्वितीय शौर्य और साहस की सराहना की गई। बैठक में वीर सैनिकों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया गया। सीएम धामी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक सूझबूझ और राष्ट्र की रक्षा के लिए अटूट संकल्प का प्रतीक है। सैन्यभूमि उत्तराखंड का प्रत्येक नागरिक इस गौरवपूर्ण क्षण में देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।”
बैठक में स्वीकृत प्रमुख प्रस्ताव:
- पशुपालन क्षेत्र में निवेश
उत्तराखंड में पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई। बड़े निवेशकों को पहाड़ी क्षेत्रों में 40% और मैदानी क्षेत्रों में 20% सब्सिडी दी जाएगी। हरियाणा की तर्ज पर पोल्ट्री फार्म बनाए जाएंगे, जिसमें 35 अंडा उत्पादन और 20 चिकन उत्पादन फर्म शामिल होंगी। इससे लगभग 3,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। - जीएसटी सेवा नियमावली
संयुक्त आयुक्त की सेवा नियमावली को मंजूरी दी गई। - ऊर्जा क्षेत्र में सुधार
मैकेंजी कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में सुधार के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई। इससे ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और बुनियादी ढांचा मजबूत होगा। - सचिवालय प्रशासन
मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि अब अधिक ब्याज देने वाले बैंकों में जमा की जाएगी। - मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना
निराश्रित एकल महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए इस योजना को मंजूरी दी गई। पहले वर्ष में 2,000 महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य है। महिलाएं 2 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट बना सकेंगी, जिसमें सरकार 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी देगी। योजना में कृषि, बागवानी, मत्स्य पालन, ब्यूटी पार्लर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। यदि व्यवसाय शुरू नहीं हुआ तो सरकार राशि वसूल करेगी, लेकिन मुख्य उद्देश्य रोजगार को बढ़ावा देना है। - किशोर न्याय और स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी
किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 110 के तहत किशोर न्याय निधि के उपयोग की नियमावली और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार स्ट्रीट चिल्ड्रन पॉलिसी को मंजूरी दी गई। - गौवंश संरक्षण नीति
सड़कों पर गौवंश की देखभाल के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई। 16,000 पशुओं के लिए पशुपालन विभाग अब पूरा खर्च वहन करेगा। पहले तीन विभागों से फंडिंग होती थी, अब यह जिम्मेदारी केवल पशुपालन विभाग की होगी। प्रस्ताव अब जिलाधिकारी स्तर पर ही स्वीकृत होंगे। - गौशाला निर्माण को प्रोत्साहन
गौशाला निर्माण के लिए नई नीति के तहत एनजीओ को 40% खर्च वहन करना होगा, जबकि सरकार 60% सब्सिडी देगी। इससे गौशाला निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
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