पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, नंद लाल भारती व पद्मश्री बसंती देवी डी लिट मानद उपाधि से सम्मानित, 27 को स्वर्ण पदक
हल्द्वानी: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति/राज्यपाल ले0 जनरल गुरमीत सिंह व सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से वर्चुअल माध्यम से किया। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत और केन्द्रीय मंत्री अजय भट्ट मौजूद रहे।
इस वर्ष का कुलाधिपति स्वर्ण पदक वनस्पति विज्ञान की अनिता जोशी को दिया गया। 27 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही मैती आंदोलन के जनक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, जौनसार कला संस्कृति के लिए नंद लाल भारती और लोक गायन के लिए पद्मश्री बसंती देवी को डी लिट् मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
साथ ही विश्विद्यालय के 01 छात्र को पी एच डी, 716 को स्नातकोत्तर व 10932 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने संयुक्त रूप से विश्विद्यालय में लगभग 25 करोड़ की लागत से बने 5 भवनों का लोकार्पण भी किया।
दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि धारक शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में खुशहाली लेकर आती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बड़ा योगदान होता है। दूरस्थ शिक्षा में तो संकल्प और परिश्रम का और भी अधिक महत्व होता है।
राज्यपाल ने उपस्थित शिक्षार्थियों से कहा कि आप सभी को अमृतकाल के इन 25 वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व करना है। यह अमृतकाल प्रत्येक भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि तकनीकी के बल पर लोगों की तरक्की के रास्ते खोजे जाएं। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को साकार करने में आप सभी का सामूहिक संकल्प भी जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में शोध एवं अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप सभी शोध के प्रति उत्साही बनें एवं नवीन खोज करते रहें। रोजगार की समस्या, पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिए अवसर और उपलब्धियों में बदला जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर हेतु अपना सहयोग करें। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि स्थानीय लोगों की क्षमताओं को ध्यान में रखकर कार्य योजना और प्रोजैक्ट विकसित किए जाएं जिससे उनको लाभ मिले।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे सम्मुख कई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भी हमें खोजना है। आप सभी युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एंव विश्वगुरू भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं पर केन्द्रित कर तैयार करें। उत्तराखण्ड प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे लाना है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षार्थियों से कहा की दीक्षांत समारोह का अर्थ औपचारिक दीक्षा का अंत है किंतु शिक्षा जीवन पर्यंत चलती है। आज विश्वविद्यालय में ज्ञान की अविरल गंगा में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उत्तराखंड मुक्त विश्विद्यालय का पिछला वर्ष अनेक उपलब्धियों से परिपूर्ण रहा है। नैक मूल्यांकन में विश्वविद्यालय को प्रथम प्रयास में ही $$ ग्रेड प्राप्त हुआ है जो विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर अभिवृद्धि में गति प्रदान करने का कार्य करेगा। उन्होंने शिक्षार्थियों से सशक्त उत्तराखंड राज्य हेतु अपनी सहभागिता का आह्वान किया।
सांसद अजय भट्ट में सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य होगा जहां एक परीक्षा, चुनाव, दीक्षांत , शैक्षिक कैलेंडर व गणवेष होगा। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो0 रश्मि पन्त ने किया।
इस अवसर पर विश्विद्यालय के कुलसचिव प्रो ओम प्रकाश, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, मेयर डॉ जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट, प्रोफेसर डॉ भानू प्रकाश जोशी, प्राचार्य डॉ अरुण जोशी, डिप्टी रजिस्ट्रार विमल कुमार,डॉ राकेश रयाल, बृजेश बनकोटी, महामंत्री राजेन्द्र बिष्ट, सुरेश भट्ट, अजय राजौर, दिनेश आर्य, प्रकाश हरबोला, डॉ बहादुर सिंह बिष्ट, शंशाक रावत, कुंदन लटवाल, सहित अन्य विश्वविद्यालय के कुलपति उपस्थित थे।