
एक के बाद एक…देश के दुश्मनों को कौन लगा रहा ठिकाने?
एक के बाद एक…देश के दुश्मनों को कौन लगा रहा ठिकाने?
ये वो चेहरे हैं, जिन्होंने हमारे देश को आघात पहुंचाया। इनको पालने-पोसने वाला कोई और नहीं, बल्कि हमारी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है। इन दुश्मनों को एक के बाद एक कोई ठिकाने लगा रहा है। कौन लगा रहा है किसीको पता ही नहीं? पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है।
- अकरम गाजी, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर।
- लिस्ट में ताजा नाम जुड़ा है लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अकरम गाजी का।
- पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात लोगों ने उसे गोलियों से भून डाला।
- गाजी 2018 से 2020 के बीच लश्कर के टॉप रिक्रूटर्स में से एक था।
- पिछले दो साल में घाटी में घुसपैठ करने वाले कई आतंकियों को इसी ने गुमराह किया था।
- मिस्त्री जहूर इब्राहीम, कंधार हाईजैकर्स में से एक।
- इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट IC-814 के हाईजैकर्स में से एक, मिस्त्री जहूर इब्राहीम की इसी साल 1 मार्च को कराची में हत्या कर दी गई थी।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक फर्नीचर स्टोर में घुसकर दो अज्ञात हमलावरों ने उसे गोली मारी। वह पहचान बदलकर जाहिद अखुंड के नाम से रह रहा था।
- CCTV फुटेज के अनुसार, बाइक सवार दो लोग इलाके की रेकी करते नजर आए। उन्होंने नकाब और हेलमेट पहन रखा था ताकि पहचान में न आएं।
- इब्राहीम ने चार अन्य के साथ मिलकर 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से नई दिल्ली जा रही IC-814 का अपहरण कर लिया था।
- अधिकारियों के अनुसार, मिस्त्री ने ही भारतीय यात्री रुपिन कात्याल को चाकू मारा था।
- हरदीप सिंह निज्जर (45) प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का सरगना और देश के टॉप मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक था। उसके सिर पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम था।
- निज्जर की पश्चिमी कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
- जून के मध्य में, वैंकूवर से लगभग 30 किमी दूर गुरुद्वारे की पार्किंग में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने निज्जर की उनके गाड़ी में हत्या कर दी थी।
- निज्जर ने सार्वजनिक रूप से खालिस्तान के लिए अभियान चलाया। उनके समर्थकों का कहना है कि वह अपनी सक्रियता के कारण पहले भी धमकियों के निशाने पर रहे हैं।
- निज्जर को जुलाई 2020 में कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत भारत ने ‘आतंकवादी’ घोषित किया था।
- देश में उसकी संपत्ति सितंबर 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कुर्क कर ली थी।
- 2016 में उसके खिलाफ एक इंटरपोल ‘रेड कॉर्नर’ नोटिस भी जारी किया गया था। सरे की लोकल पुलिस ने आतंकवादी संलिप्तता के शक में निज्जर को 2018 में अस्थायी रूप से घर में नजरबंद कर दिया था, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया था।
- भारत लंबे वक्त से कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शनों के प्रति सेंसिटिव रहा है। जून में, भारत ने परेड में 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा की गई हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी की अनुमति देने के लिए कनाडा की आलोचना की।
- निज्जर की हत्या से एक बड़ा कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया। कनाडा ने भारत पर उंगली उठाई। भारत ने ऐसे आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर खारिज कर दिया।
- शाहिद लतीफ, जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी।
- जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का दाहिना हाथ, शाहिद लतीफ भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक था।
- लतीफ और उसके भाई की हत्या इसी साल अक्टूबर में हुई। पाकिस्तान के सियालकोट की एक मस्जिद में दोनों को गोलियों से भून दिया गया।
- मोटरसाइकिल पर आए तीन लोगों ने 53 साल के शाहिद लतीफ और उसके भाई, हैरिस हाशिम पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं।
- लतीफ 2016 में पठानकोट स्थित भारतीय वायु सेना (IAF) के बेस पर हमले का मास्टरमाइंड था। उस हमले में सात IAF कर्मचारी मारे गए थे।
- लतीफ को बिलाल और नूर अल दीन के नाम से भी जाना जाता है। उसने भारत में कई आतंकी हमलों की प्लानिंग की और उन्हें अंजाम दिया।
- वह 1993 में POK रास्ते कश्मीर में दाखिल हुआ था। साल भर बाद उसे अरेस्ट करके जम्मू की जेल में रखा गया था। माना जाता है कि यहीं पर अजहर ने उसे प्रभावित किया।
- 16 साल जेल में गुजारने के बाद, शाहिद लतीफ को 2010 में डिपोर्ट किया गया था। माना जाता है कि फिर वह मसूद अजहर से मिला जिसने तब तक जैश-ए-मोहम्मद की नींव रख दी थी।
- लश्कर का टाप कमांडर रियाज अहमद।
- इसी साल सितंबर में, अज्ञात बंदूकधारियों ने रावलकोट की अल-कुद्दुस मस्जिद में घुसकर लश्कर के हाई-रैंकिंग कमांडर रियाज अहमद को मौत के घाट उतार दिया।
- रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम कश्मीरी को जुमे की नमाज के बाद पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई। वह जनवरी में हुए राजौरी आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था।
- आतंकियों ने जम्मू के गांव में अंधाधुंध फायरिंग की थी जिसमें कम से कम सात लोग मारे गए थे। उन्होंने IED भी लगाए जो अगली सुबह फटे।
- मौलाना जियाउर रहमान, लश्कर ऑपरेटिव।
- 12 सितंबर 2023 को कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर में टहल रहे मौलाना जियाउर रहमान की दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
- जियाउर रहमान लश्कर के लिए काम करता था लेकिन उसने जामिया अबू बकर नाम से एक मदरसे को फ्रंट बना रखा था।
- पाकिस्तान पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीज में हत्या को ‘आतंकवादी हमला’ बताया, जो घरेलू ‘उग्रवादियों’ की भूमिका का संकेत देता है।
- रहमान की हत्या कराची के उन धर्मगुरुओं पर हमलों की सीरीज का हिस्सा है।
- इन सभी का आतंकी समूहों से संबंध था और वे युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें लॉन्च पैड पर लाने में शामिल थे, जहां से उन्हें भारत पर हमला करने भेजा जाता है।