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बद्री-केदार धाम की तर्ज पर ही उत्तराखण्ड के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी धामी सरकार

राज्य सरकार केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की तर्ज पर ही राज्य के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी। सीएम आवास मे दीपावली की बधाई देने आए अधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि, राज्य में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ उनका व्यापक विचार विमर्श हुआ।

सीएम धामी ने कहा कि, प्रधानमंत्री से इस संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड दुनिया भर के करोङो लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उत्तराखण्ड में केदारनाथ धाम व बदरीनाथ धाम की तरह ही प्रदेश के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान बनाए, केंद्र सरकार हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर है।

प्रधानमंत्री जी ने यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अन्य पौराणिक मंदिरों के महत्व की भी जानकारी दी जाए और साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया जाए। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर पर्यटन का विकास होगा। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मिलेगी व आय में वृद्धि होगी।

आज की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि चार धाम यात्रा पर आए बहुत से श्रद्धालुओं को कई बार हेली सेवा के लिये दो तीन दिन प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस दौरान यात्री आस पास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे एक ओर इन यात्रियों के समय का सदुपयोग होगा, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा घूमने के दौरान खर्च किये जाने से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री जी को कुमाऊँ के मंदिरों के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। हमें उनके मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप देव भूमि उत्तराखण्ड  को आगे ले जाना है। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जाए। कुमाऊँ क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रारम्भ की गई मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के सम्बंध में भी प्रधानमंत्री जी से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। इस परियोजना में सम्मिलित मंदिरों के मास्टर प्लान बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने का निर्णय भी लिया गया ।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि राज्य के टाॅपर छात्र छात्राओं को एलबीएसएनएए, आईआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए। इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव श्री आर के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, सौजन्या, शैलेश बगोली, डॉ पंकज कुमार पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे |

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