पौड़ी : अंकिता भंडारी हत्याकांड में नया मोड़ सामने आया है। मामले में एसआईटी ने आरोपियों के नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी, जिस पर कार्ट में सुनवाई हुई। इस दौररान आरोपी नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने से मुकर गए। उनके वकील ने कहा कि पुलिस किसका और क्यों यह टेस्ट कराना चाहती है। उनके प्रार्थना पत्र में यह बात साफ नहीं है।

आरोपयिों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) कोटद्वार में प्रार्थनापत्र दाखिल किया। इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन जनवरी को होगी। अधिवक्ता का कहना है कि नार्काे और पालीग्राफ टेस्ट अलग-अलग हैं। पुलिस के जांच अधिकारी ने प्रार्थनापत्र में यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनको किस जानकारी को प्राप्त करने के लिए नार्काे टेस्ट करवाना है और किस जानकारी के लिए पालीग्राफ टेस्ट करवाना है या एक ही जानकारी के लिए दोनों टेस्ट करवाने हैं।

स्पष्ट जानकारी के अभाव से आरोपितों की ओर से इन टेस्ट के लिए सहमति या असहमति के लिए राय दिया जाना संभव नहीं है। पत्र में कहा गया है कि विवेचक ने अपने प्रार्थनापत्र में लिखा है कि आरोपित वीआइपी गेस्ट व आरोपित पुलकित आर्या के मोबाइल के संबंध में जानकारी छिपा रहे हैं।

जांच अधिकारी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि किसी एक या फिर सभी आरोपियों की ओर से क्या जानकारी छिपाई जा रही है, जिसके लिए टेस्ट करवाए जाने आवश्यक हैं। स्पष्ट जानकारी के अभाव में टेस्ट के लिए सहमति या असहमति के लिए राय दिया जाना संभव नहीं है।