
उत्तराखंड बजट सत्र का चौथा दिन, सदन में सवालों की बौछार, सदन के बाहर प्रदर्शन
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान आज रोजगार मेलों, बेरोजगारी और श्रमिकों के शोषण को लेकर सदन में जोरदार बहस हुई। विपक्ष ने सरकार से तीखे सवाल पूछे, वहीं कांग्रेस विधायकों ने प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।
रोजगार मेलों पर उठे सवाल, कितने युवाओं को मिली नौकरी?
लैंसडाउन के सेवायोजन कार्यालय द्वारा 29 दिसंबर को आयोजित रोजगार मेले को लेकर निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सदन में सवाल उठाया कि इस मेले में कितने स्थानीय युवाओं को नौकरी मिली। इसके जवाब में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि एसआईएस सिक्योरिटी में 152, जी4 में 113, मारुति में 36, स्काई स्पेस में 40, महिंद्रा में 26 और गोल्डन प्लस में 20 युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 56 रोजगार मेलों में कई युवाओं का चयन किया गया है।
रोजगार मेलों में सरकार का कितना खर्चा?
विधायक विनोद चमोली ने सरकार से सवाल किया कि अब तक लगे 56 रोजगार मेलों में कुल कितना खर्च आया है। इस पर मंत्री बहुगुणा ने जवाब दिया कि सेवायोजन विभाग के पास रोजगार मेलों के लिए कोई विशेष बजट नहीं होता और इसे विभागीय स्तर पर संचालित किया जाता है।
प्रदेश में बेरोजगारों की स्थिति
कांग्रेस विधायक वीरेंद्र जाती ने प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति को लेकर सरकार को घेरा और पूछा कि कुल कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं। जवाब में मंत्री बहुगुणा ने कहा कि विभाग में 8 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि जिन्हें नौकरी मिल गई हो, वे इसकी जानकारी विभाग को दें।
रोजगार मेलों में शोषण का आरोप, कंपनियों पर होगी कार्रवाई?
विपक्ष ने भाजपा विधायक बृज भूषण गैरोला के क्षेत्र में आयोजित रोजगार मेले को लेकर सवाल उठाया और कहा कि इन मेलों में युवाओं का शोषण किया जा रहा है। शिकायतें मिल रही हैं कि कंपनियां नौकरी देकर बाद में युवाओं को हटा देती हैं। इस पर मंत्री बहुगुणा ने कहा कि 2023-24 में 152 और 2025-26 में अब तक 56 रोजगार मेले लगाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सिर्फ एक मंच उपलब्ध कराती है, और अब तक कोई मामला ऐसा सामने नहीं आया जिसमें किसी को नौकरी से निकाला गया हो। यदि कोई मामला संज्ञान में आता है, तो सरकार उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई करेगी।
कंबल ओढ़कर कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कंबल ओढ़कर प्रदर्शन किया। उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ नाराजगी जताई।
खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी किया प्रदर्शन
विधानसभा परिसर में ही खानपुर विधायक उमेश कुमार ने उपनल कर्मियों की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और सरकार से उनकी समस्याओं के समाधान की मांग की।
उत्तराखंड विधानसभा सत्र में बेरोजगारी और रोजगार को लेकर तीखी बहस के साथ-साथ प्रदर्शन भी देखने को मिला। अब देखना यह होगा कि सरकार इन आरोपों पर क्या कदम उठाती है।