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उत्तरकाशी में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, लगातार 7वीं बार हिली धरती

उत्तरकाशी में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, लगातार 7वीं बार हिली धरती

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार सुबह 09:28:35 IST पर आए इस भूकंप की तीव्रता 2.07 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इसका केंद्र बाडाहाट रेंज नाल्ड के जंगलों में था, जिसकी गहराई 5 किमी थी। हालाँकि, भूकंप के झटके जिला मुख्यालय और मनेरी क्षेत्र में हल्के रूप से महसूस किए गए, लेकिन अन्य तहसीलों में इसका प्रभाव दर्ज नहीं किया गया। राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना नहीं मिली है और जनपद में स्थिति सामान्य बनी हुई है।

उत्तरकाशी में लगातार आ रहे भूकंप – चिंता की बात?

पिछले कुछ दिनों में यह सातवीं बार है जब उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लगातार आ रहे इन झटकों ने स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह इलाका भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील सिस्मिक ज़ोन IV और V में आता है, जहाँ हल्के और मध्यम तीव्रता के भूकंप अक्सर आते रहते हैं।

उत्तराखंड – भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र

उत्तराखंड भूगर्भीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है। यह इलाका भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों की सीमारेखा पर स्थित है, जहाँ प्लेटों के टकराव के कारण सीस्मिक गतिविधियाँ होती रहती हैं। उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जैसे जिले भूकंप के हाई-रिस्क ज़ोन में आते हैं। 1991 में उत्तरकाशी में आए 6.8 तीव्रता के भूकंप और 1999 में चमोली भूकंप से हुए भारी नुकसान को देखते हुए, यह ज़रूरी हो जाता है कि प्रशासन और स्थानीय लोग भूकंप से बचाव के लिए सतर्क रहें।

भूकंप के कारण और संभावित प्रभाव

उत्तराखंड में बार-बार आने वाले हल्के भूकंप बड़े भूकंप की चेतावनी भी हो सकते हैं। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि टेक्टोनिक प्लेटों में बढ़ता दबाव कभी भी बड़े भूकंप का कारण बन सकता है। इसलिए, जरूरी है कि इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए और भूकंपरोधी निर्माण, आपदा प्रबंधन और जागरूकता अभियान को बढ़ावा दिया जाए।

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