बड़ी खबर: शहरी युवाओं की बेरोजगारी में उत्तराखंड का छठा नंबर, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा
देहरादून: उत्तराखंड में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है। रोजगार कार्यालयों में ही करीब 10 लाख युवा बेरोजगार पंजीकृत हैं। शहरों से लेकर गांव तक बेरोजगार युवाओं की फौज जमा हो रही। शहरों में इनकी संख्या कुछ ज्यादा है। इस मामले में उत्तराखंड देशभर में छठे नंबर है। राज्य में 11.9 प्रतिशत शहरी युवा बेरोजगार हैं, जो देश में बेरोजगारी दर से 3.9 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट के अनुसार देश में यह दर 8.2 प्रतिशत है। केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय (NSO) के ताजा आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे से यह खुलासा हुआ है।
सर्वे के अनुसार, जनवरी से मार्च 2021 में राज्य में शहरी बेरोजगारी दर 14.3 प्रतिशत थी जो अप्रैल से जून 2021 तक बढ़कर 17 प्रतिशत हो गई। जुलाई से सितंबर 2021 में यह और बढ़कर 17.4 हो गई जबकि अक्तूबर से दिसंबर 2021 में घटकर 15.5 प्रतिशत हो गई। जनवरी 2022 से मार्च 2022 में इसमें गिरावट आई और यह 11.9 प्रतिशत हो गई।
जनवरी 2022 से लेकर मार्च 2022 तक) के शहरी युवाओं में बेरोजगारी के मामले में जम्मू-कश्मीर 15.6 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ पहले स्थान पर है। हरियाणा 13.5 प्रतिशत के साथ दूसरे केरल 13.2 प्रतिशत के साथ तीसरे राजस्थान 12.9 प्रतिशत के साथ चौथे, उड़ीसा 12.7 प्रतिशत के साथ पांचवें और उत्तराखंड 11.9 प्रतिशत के साथ छठे पायदान पर है।
15 से 29 वर्ष के शहरी युवाओं की बेरोजगारी में उत्तराखंड देश में सातवें स्थान पर है। इस आयुवर्ग में उत्तराखंड में 29.3 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। यह दर देश की इस आयु वर्ग की बेरोजगारी दर 20.2 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत अधिक है। इस आयु वर्ग में केरल 36.1 प्रतिशत के साथ पहले, जम्मू-कश्मीर 35.8 प्रतिशत के साथ दूसरे, राजस्थान 32.2 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है।
प्रदेश में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में ज्यादा बेरोजगारी है। महिलाओं में बेरोजगारी दर लगातार पुरुषों से अधिक बनी हुई है। केवल शहरी युवा पुरुषों में बेरोजगारी की बात करें तो उत्तराखंड में जनवरी 2022 से मार्च 2002 में घटकर 10.4 प्रतिशत हो गई है। शहरी युवा महिला बेरोजगारी दर जनवरी 2022 से मार्च 2002 में घटकर 17.4 प्रतिशत हो गई है।