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पेपर लीक कांड: बॉबी पंवार को स्क्रीनशॉट भेजने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सस्पेंड

पेपर लीक कांड: बॉबी पंवार को स्क्रीनशॉट भेजने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर सस्पेंड

देहरादून : उत्तराखंड में एक सनसनीखेज घटनाक्रम में, राजकीय महाविद्यालय, अगरोड़ा, नई टिहरी में इतिहास की सहायक प्रोफेसर सुमन को पेपर लीक कांड में कथित संलिप्तता के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी आदेश में गंभीर अनुशासनहीनता और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा की गोपनीयता भंग करने के आरोप लगाए गए हैं।

25 सितंबर को जारी  आदेश के अनुसार, UKSSSC ने सूचित किया कि 21 सितंबर 2025 को सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से तीन पृष्ठों के 12 प्रश्न लीक होने की जानकारी मिली। जांच में पता चला कि वर्ष 2018 से सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत  सुमन का एक व्यक्ति, जो प्रश्नपत्र लीक करने में शामिल था, के साथ संपर्क था। उन पर आरोप है कि उन्होंने परीक्षा के प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट प्राप्त किया और इसे बंबी पंवार नामक व्यक्ति को वायरल करने के इरादे से भेजा।

आयोग ने यह भी आरोप लगाया कि सुमन ने गलत नीयत से “सॉल्वर” के रूप में कार्य किया और परीक्षा की शुचिता, गोपनीयता और निष्पक्षता को भंग करने की साजिश में शामिल थीं। उन्होंने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अफवाहें फैलाने का कार्य भी किया, जिससे आयोग और राज्य सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा।

इस मामले में सुमन के खिलाफ देहरादून के रायपुर थाने में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। सरकार ने उनके कृत्य को एक शिक्षक के लिए अमर्यादित और अस्वीकार्य माना है, जो उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 के नियम 3(2) का स्पष्ट उल्लंघन है। उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के नियम 4(1) के तहत यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक उनके खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त नहीं हो जाती।

निलंबन अवधि के दौरान, सुमन को वित्तीय नियम संग्रह खंड-2 (भाग 2 से 4) के मूल नियम 53 के अनुसार, आधे वेतन के बराबर जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। उन्हें महंगाई भत्ता भी मिलेगा, यदि यह अवकाश वेतन पर लागू हो, लेकिन कोई अन्य भत्ता नहीं मिलेगा, बशर्ते वे प्रमाण-पत्र दें कि वे किसी अन्य रोजगार, व्यापार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं। निलंबन के दौरान वे उच्च शिक्षा निदेशालय, हल्द्वानी से संबद्ध रहेंगी और निदेशक, उच्च शिक्षा के निर्देशानुसार कार्य करेंगी।

इस घोटाले ने व्यापक आक्रोश पैदा किया है, और अधिकारियों ने प्रतियोगी परीक्षाओं की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है। यह मामला परीक्षा प्रक्रिया की सुरक्षा और शैक्षणिक पेशेवरों की ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता को लेकर गंभीर सवाल उठाता है। मामले की गहराई से जांच जारी है ताकि साजिश का पूरा खुलासा हो और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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