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अनामिका शर्मा की बेटी अकेली क्योंमहिला आयोगों और महिला मोर्चा की अध्यक्षों पर चुप्पी पर सूर्यकांत धस्माना के तीखे सवाल

  • अनामिका शर्मा की बेटी अकेली क्यों? महिला आयोगों की चुप्पी पर कांग्रेस का सीधा सवाल।

  • अनामिका कांड पर चुप क्यों हैं महिला मोर्चा और आयोग? कांग्रेस ने घेरा।

देहरादून : उत्तराखंड में महिला अपराधों का ग्राफ जिस रफ्तार से बढ़ा है, उसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। मगर, इससे ज़्यादा झकझोरने वाली बात यह है कि जिन संस्थाओं को महिलाओं और बच्चियों के अधिकारों की लड़ाई लड़नी चाहिए, वही आज मौन साधे बैठी हैं।

यह आरोप उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने लगाते हुए सीधे तीनों संस्थाओं राज्य महिला आयोग, बाल आयोग, और भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षों से तीखे सवाल दागे। धस्माना ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा की हरिद्वार जिला अध्यक्ष रही अनामिका शर्मा पर अपनी 13 साल की बेटी के साथ दुराचार करवाने के गंभीर आरोप लगे हैं।

आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, मगर एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद न महिला आयोग, न बाल आयोग, और न ही भाजपा महिला मोर्चा की कोई भी नेत्री इस बच्ची से मिलने पहुंची है और न ही इस मुद्दे पर एक शब्द बोला गया है।

धस्माना का आरोप है कि ये तीनों संगठन जब स्कूलों में ड्रेस या त्योहारों के नाम पर “धार्मिक रंग” देखने लगते हैं, तब तुरंत कूद पड़ते हैं, लेकिन, जब एक मासूम बच्ची का जीवन तहस-नहस हो रहा हो, तब इनकी ज़ुबान सिल जाती है।

उन्होंने याद दिलाया कि जब अंकिता भंडारी हत्याकांड हुआ था, तब भी यही संस्थाएं चुप रहीं। अब जब खुद सत्तारूढ़ पार्टी की महिला पदाधिकारी ही आरोपों के घेरे में है, तो क्या इन संगठनों की निष्ठा पार्टी के प्रति ज़्यादा है या महिलाओं की अस्मिता के प्रति?

धस्माना ने एलान किया कि कांग्रेस महिला अपराधों, बलात्कारों और हत्याओं के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाएगी। उनका कहना है कि यह “चुप्पी की साज़िश” नहीं चलेगी और जिन संस्थाओं का गठन महिलाओं की रक्षा के लिए हुआ है, उन्हें कठघरे में खड़ा किया जाएगा।

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