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उत्तराखंड : चुनाव, जनगणना और पशु गणना के बाद अब ट्रैफिक कंट्रोल करेंग शिक्षक

उत्तराखंड : चुनाव, जनगणना और पशु गणना के बाद अब ट्रैफिक कंट्रोल करेंग शिक्षक

  • शिक्षा विभाग ने जारी किया शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल करने का फरमान।

  • ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए सड़क पर उतार देना कितना सही ?

नैनीताल: उत्तराखंड शिक्षा विभाग किसी ना किसी वजह से चर्चाओं में रहता है। ताजा मामला नैनीताल जिले का है। यहां शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल करने का फरमान जारी कर दिया है। इस फरमान को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षक संघ ने इसका विरोध पर जताया है। उनका कहना है कि चुनाव से लेकर जनगणना, पशु गणना और अन्य कई तरह के काम शिक्षकों पर थोप दिए जाते हैं।

सवाल सह है कि जब पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस, सीपीयू, होमगार्ड, पीआरडी इस काम के लिए हैं, तो शिक्षकों को क्यों यह फरमान दिया जा रहा है। शिक्षकों का काम शिक्षा देना है। उनको इस तरह से ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए सड़क पर उतार देना कितना सही है? क्या राज्य में अन्य कोई ऐसा विभाग ने है, जिनके कर्मचारियों को इसमें उतारा जा सके? परिवहन विभाग के कर्मचारी इसका एक विकल्प हो सकते हैं।

एक तरफ सरकार शिक्षकों से बेहतर शिक्षा की उम्मीद करती है। और वहीं, दूसरी ओर शिक्षकों को कई अतिरिक्त कार्य दिए गए हैं। इससे एक बात तो साफ है कि ऐसे में स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। हालांकि, इन दिनों छुट्टियां चल रही हैं। इस पर शिक्षक संघ का कहना है कि छुट्टियों में ये नई जिम्मेदारी देना कर्मचारियों का शोषण है। इसका विरोध किया जाएगा।

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जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तक की यातायात नियंत्रण में ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल की भी जिम्मेदारी मिली है। नैनीताल में वीकेंड पर शिक्षा अधिकारी कंट्रोल रूम में बैठकर यातायात की निगरानी करेंगे तो शिक्षक चौराहों पर खड़े होकर यातायात नियंत्रण में मदद करेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) तक की यातायात नियंत्रण में ड्यूटी लगा दी गई है। शिक्षकों को ट्रैफिक कंट्रोल की भी जिम्मेदारी मिली है।-दइेच;नैनीताल में वीकेंड पर शिक्षा अधिकारी कंट्रोल रूम में बैठकर यातायात की निगरानी करेंगे तो शिक्षक चौराहों पर खड़े होकर यातायात नियंत्रण में मदद करेंगे।

इसके लिए शिक्षा विभाग से तीन शिक्षकों और दो मिनिस्टीरियल कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इस संबंध में डीएम कार्यालय की ओर से 27 मई को आदेश जारी हो गए हैं। सात से 13 जून तक डयूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल घूमने आ रहे पर्यटकों की संख्या ने जिले के शिक्षकों की छुट्टी का आनंद खराब कर दिया है। डीएम कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में नैनीताल में वीकेंड के दौरान पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

जिसे ध्यान में रखते हुए डीईओ (माध्यमिक) नैनीताल को ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए नामित किया गया है। उनके सहयोग के लिए भीमताल के राइंका पटवाडांगर, कोटाबाग के राइंका बगड़ और राइंका सौड़ के एक-एक एलटी सहायक अध्यापक और राबाइंका खुर्पाताल व राइंका पदमपुर मिडार के एक-एक मिनिस्टीरियल कर्मचारी को डयूटी में लगाया गया है।

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