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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की पोस्ट…बोले मैं रहूं न रहूं…देशवासियों को सच बताना जरूरी है!

जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, उन्हें रविवार शाम को राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। मलिक को 11 मई को किडनी में संक्रमण बढ़ने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और डायलिसिस चल रहा है। कुछ समय पहले उनकी हालत में सुधार होने पर उन्हें आईसीयू से नर्सिंग होम में शिफ्ट किया गया था, लेकिन अब फिर से नर्सिंग होम के आईसीयू में भर्ती किया गया है। उनका इलाज नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. ललित की देखरेख में चल रहा है।

सत्यपाल मलिक के एक्स पोस्ट में खुलासा

सत्यपाल मलिक के आधिकारिक एक्स हैंडल से उनकी बिगड़ती सेहत और कुछ गंभीर खुलासों के बारे में जानकारी साझा की गई है। पोस्ट में लिखा गया:

नमस्कार साथियों। मैं पिछले लगभग एक महीने से अस्पताल में भर्ती हूं और किडनी की समस्या से जूझ रहा हूं। परसों सुबह से मैं ठीक था, लेकिन आज फिर से मुझे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। मेरी हालत बहुत गंभीर होती जा रही है। मैं रहूं या न रहूं, इसलिए अपने देशवासियों को सच्चाई बताना चाहता हूं।

जब गवर्नर के पद पर था, तो उस समय मुझे 150-150 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश हुई, परंतु मैं अपने राजनीतिक गुरु स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी की तरह ईमानदारी से काम करता रहा और मेरा ईमान कभी डिगा नहीं। जब मैं गवर्नर था, उस समय किसान आंदोलन चल रहा था। मैंने बिना किसी राजनीतिक लोभ-लालच के किसानों की मांग को उठाया। महिला पहलवानों के आंदोलन में जंतर-मंतर से इंडिया गेट तक उनकी हर लड़ाई में उनके साथ रहा। पुलवामा हमले में शहीद वीर जवानों के मामले को उठाया, जिसकी आज तक इस सरकार ने कोई जांच नहीं करवाई।

सरकार मुझे सीबीआई का डर दिखाकर झूठे चार्जशीट में फंसाने के बहाने ढूंढ रही है। जिस मामले में मुझे फंसाना चाहते हैं, उस टेंडर को मैंने खुद निरस्त किया था। मैंने खुद प्रधानमंत्री जी को बताया था कि इस मामले में करप्शन है और उनके बताने के बाद मैंने उस टेंडर को कैंसिल किया। मेरे तबादले के बाद किसी अन्य के हस्ताक्षर से यह टेंडर हुआ। मैं सरकार और सरकारी एजेंसियों को बताना चाहता हूं कि मैं किसान कौम से हूं, न डरने वाला हूं, न झुकने वाला हूं। सरकार ने मुझे बदनाम करने में पूरी ताकत लगा दी। अंत में मेरा सरकार और सरकारी एजेंसियों से अनुरोध है कि मेरे प्यारे देश की जनता को सच्चाई जरूर बताना कि आपको छानबीन में मेरे पास मिला क्या?

सच्चाई यह है कि 50 साल से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में बहुत बड़े-बड़े पदों पर देशसेवा करने के बाद भी मैं एक कमरे के मकान में रह रहा हूं और कर्ज में हूं। अगर मेरे पास धन-दौलत होती, तो मैं प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाता।

केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप

मलिक ने केंद्र सरकार पर सीबीआई के जरिए उन्हें झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस टेंडर को लेकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, उसे उन्होंने भ्रष्टाचार के कारण स्वयं रद्द किया था और इसकी जानकारी प्रधानमंत्री को दी थी। उनके तबादले के बाद यह टेंडर किसी और के हस्ताक्षर से पास हुआ। मलिक ने कहा कि वे किसान समुदाय से हैं और न डरेंगे, न झुकेंगे। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि उनकी जांच में मिले तथ्य जनता के सामने लाए जाएं।

राजनीतिक करियर और वर्तमान स्थिति

सत्यपाल मलिक ने 50 वर्षों से अधिक के अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर देश की सेवा की। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए धारा 370 हटाए जाने और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के दौरान वे वहां के पहले उपराज्यपाल भी रहे। इसके बाद उन्हें गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वर्तमान में वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं और एक कमरे के मकान में रहते हैं। मलिक ने कहा कि अगर उनके पास धन होता, तो वे निजी अस्पताल में इलाज करवाते।

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