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उत्तराखंड: सीएम धामी का सख्त संदेश—राज्य की एकता और प्रतिष्ठा पर आंच नहीं सहन होगी

उत्तराखंड: सीएम धामी का सख्त संदेश—राज्य की एकता और प्रतिष्ठा पर आंच नहीं सहन होगी

देहरादून :उत्तराखंड में क्षेत्रवाद और राजनीतिक बयानबाजी पर जारी विवादों के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चाहे मंत्री हो या विधायक, राज्य की एकता और प्रतिष्ठा पर कोई भी गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

क्षेत्रवाद पर भाजपा की मुश्किलें बढ़ीं

बीते कुछ समय से भाजपा के कुछ नेता क्षेत्रवाद के मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं, जिससे पार्टी असहज महसूस कर रही है। विपक्ष भी इसी अंदाज में पलटवार कर रहा है, जिससे माहौल गरमाता जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए सीएम धामी ने अपनी नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी स्तर पर ऐसी बयानबाजी को सहन नहीं करेगी।

नेताओं के लिए गाइडलाइन जारी करेगी भाजपा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी माना कि पार्टी के कुछ नेता गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, जिससे सरकार की छवि प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को भी उनके बयान को लेकर दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। पार्टी अब इस तरह की बयानबाजी पर रोक लगाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की तैयारी कर रही है।

पुराने विवादों से भी रही है भाजपा असहज

यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा अपने नेताओं के बयानों से असहज हुई है। पूर्व में हरिद्वार के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के विवाद ने भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी की थी। चैंपियन फिलहाल जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

इसके अलावा, सल्ट विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम में हुआ विवाद, लैंसडौन विधायक दिलीप रावत की परिवहन विभाग के अधिकारी से कहासुनी और सरकार के एक मंत्री के विभाग में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच जैसे मामलों ने भाजपा को बैकफुट पर धकेला है।

पार्टी ने विपक्ष से भी की अपील

महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेताओं से भी आग्रह किया है कि वे संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचें। उनका कहना है कि कुछ लोग राज्य में गलत माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।

क्या सख्त रुख अपनाएगी भाजपा?

भाजपा नेतृत्व अब विवादित नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दे रहा है। पार्टी हाईकमान जल्द ही एक कड़ी नीति लागू कर सकता है, जिससे अनर्गल बयानबाजी पर रोक लग सके। अगर ऐसा हुआ, तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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