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उत्तराखंड : भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था गांव, पहली बार बजी मोबाईल की घंटी

उत्तराखंड : भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया था गांव, पहली बार बजी मोबाईल की घंटी

उत्तरकाशी: जिस गांव को 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली करा दिया गया था। उस गांव तक अब सुविधाएं पहुंचने लागि हैं। चीन सीमा से सटे नेलांग गांव में आज (6 अक्टूबर) को BSNL का टॉवर काम करने लगा है। इसके चलते नेलांग गांव में पहले बार मोबाइल की घंटी बजी है। इससे पहले तक गांव में कोई सुविधा नहीं थी। ITBP और सेना के जवान भी सेटेलाइट फोन के जरिये ही स्वजन से संपर्क करते थे, जिसकी काल दर काफी महंगी पड़ती थी।

यह फिलहाल शुरुआतभार है। जल्द ही चीन सीमा पर जादूंग, नीला पानी, सोनम, पीडीए, नागा त्रिपानी में भी 6 टावर और लगाए जाने हैं। नेलांग में बीते दो अक्टूबर से BSNL के टावर ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए ITBP के हिमवीर और सेना के जवानों ने BSNL का आभार जताया है। उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली करा दिया गया था।

अब फिर से इन गांवों में यहां के मूल निवासियों के बसाने के कवायद चल रही है। जादूंग में छह होम स्टे बनाने का काम चल रहा है। साथ ही इन गांवों में पर्यटन गतिविधि भी शुरू करने की तैयारी है। चीन सीमा पर नेलांग व जादूंग सहित नौ स्थानों पर आइटीबीपी और सेना की चौकियां हैं। जहां वर्षभर ITBP और सेना के जवान तैनात रहते हैं। शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी के कारण इन चौकियां का जिला मुख्यालय से संपर्क भी कट जाता है।

अभी तक इस क्षेत्र में संचार का माध्यम केवल सेटेलाइट फोन है, जिस पर काल दर महंगी होने के साथ इसका उपयोग सेना और ITBP के कार्यालय से ही संभव हो पाता है। BSNL टिहरी के सहायक महाप्रबंधक अनीत कुमार ने बताया कि जादूंग में मोबाइल टावर लगाने की कवायद चल रही है। BSNL ने इसके लिए स्थान भी चिह्नित कर दिया है। अन्य चौकियों के क्षेत्र में भी टावर के लिए स्थान का चयन किया जा रहा है।

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