Trending News

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कैंसर के कारकों और बचाव पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी, स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर 2023 महिलाओं को जागरूक करके ही स्तन कैंसर से बचाव संभव: डॉ. नीलकमल कुमार

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कैंसर के कारकों और बचाव पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी, स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर 2023 महिलाओं को जागरूक करके ही स्तन कैंसर से बचाव संभव: डॉ. नीलकमल कुमार

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कैंसर के कारकों और बचाव पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी, स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर 2023 महिलाओं को जागरूक करके ही स्तन कैंसर से बचाव संभव: डॉ. नीलकमल कुमार

देहरादून: विश्व स्तर पर महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम घातक बीमारी है। 1990 के दशक में भारत में स्तन कैंसर, कैंसर की सूची में, चौथे स्थान पर था जबकि अब यह पहले स्थान पर आ चुका है। यूं कहें तो यह कैंसर पुरूष और महिलाओं दोनों को हो सकता है ;99 प्रतिशत महिला 1प्रतिशत पुरूष लेकिन महिलाओं में इसका अधिक जोखिम होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रत्येक 4 मिनट में 1 महिला मेें स्तन कैसर का पता चलता है एवं प्रत्येक 13 मिनट में एक महिला की स्तन कैंसर से मौत होती है। वर्तमान में यह देखा गया है कि यह कैंसर युवा महिलाओं को काफी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है और उनके मौत का कारण बन रहा है। पहले यह कैंसर 60-70 वर्ष आयु वाली महिलाओं में सामान्य रूप से होता था, लेकिन अब यह खासकर युवा महिलाऐं जो 40-50 वर्ष आयु की हैं उनको ज्यादा प्रभावित कर रहा है। यह गंभीर सवाल है कि जांच और इलाज के बावजूद कैंसर से होने वाली मृत्युदर भारत में, अन्य देशों की तुलना में काफी ज्यादा है। आंकड़ों के अनुसार विकसित देशों में प्रत्येक 6 मरीज पर 1 मरीज की मौत होती है। जबकि भारत में प्रत्येक 2 मरीज पर 1 मरीज की मौत होती है। यह एक चिंता का विषय है कि यह कैंसर युवा महिलाओं में असामयिक मौत का कारण बन चुका है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि हम इस बीमारी के प्रति जागरूक एवं सर्तक नहीं हैं। फलस्वरूप अधिकांश महिलाएं एडवांस स्टेज ;चरण 3 व चरण 4द्ध में चिक्तिसक की सलाह हेतु संपर्क करती हैं जब इलाज के ज्यादातर विकल्प नहीं के बराबर रह जाते हैं। यदि इस बीमारी का पता प्रारंभिक अवस्था ;चरण 1 व चरण 2द्ध में चल जाए तो, 99ः महिलाओं की जान बच सकती है एवं बड़ी ब्रैस्ट सर्जरी और कीमोथेरपी से भी बचा जा सकता है। इसलिए इस घातक कैंसर से बचे रहने का सरल तरीका है इसके प्रति जागरूक होना।

स्तन कैंसर जागरूकता माह पर ब्रेस्ट कैंसर सर्जन डॉ॰ नीलकमल कुमार ने सेमिनार का आयोजन किया एवं महिलाओं को इस कैंसर के जोखिम कारकों एवं लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।

डॉ॰ कुमार ने बताया कि ब्रेस्ट में अगर गांठ पाई जाती है तो घबराएं नहीं क्योंकि 10 में से एक गांठ कैंसर की होती है। कैंसर के लक्षण जैसे स्तन में गांठ होना, कांख के नीचे गांठ होना, निप्पल से पानी का स्त्राव होना, स्तन की त्वचा का संतरे के छिलके की तरह हो जाना, यह सब प्रमुख लक्षणों में आते हैं। ऐसे लक्षण होने पर स्तन रोग विशेषज्ञ से तुरन्त सलाह लेने की बात बताई।

डॉ॰ कुमार ने महिलाओं को जोखिम कारकों के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि मासिक धर्म चक्र ;डमदेजनतंस ब्लबसमद्ध का 12 साल से पहले आना एवं रजोनिवृति ;डमदवचंनेमद्ध का 55 वर्ष के बाद समाप्त होना, गर्भ धारण 30 वर्ष की आयु के बाद होना या गर्भ धारण न होना। बच्चे को कम समय तक स्तनपान कराना या बिल्कुल ना कराना। यदि इन जोखिम कारकों पर नियंत्रण किया जाए तो 30-35ः प्रतिशत महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाया जा सकता हैं। डॉ॰ कुमार ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण पाए जाने पर उचित समय पर उचित चिक्तिसक जोकि स्तन रोग के विशेषज्ञ हों, से सलाह लें।

The post श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कैंसर के कारकों और बचाव पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी, स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर 2023 महिलाओं को जागरूक करके ही स्तन कैंसर से बचाव संभव: डॉ. नीलकमल कुमार first appeared on Bharatjan Hindi News, हिंदी समाचार, Samachar, Breaking News, Latest Khabar.

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में कैंसर के कारकों और बचाव पर विशेषज्ञों ने दी जानकारी, स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर 2023 महिलाओं को जागरूक करके ही स्तन कैंसर से बचाव संभव: डॉ. नीलकमल कुमार

Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus (0 )