उत्तराखंड: सहकारिता में भर्ती घोटाला, सभी नियुक्तियां निरस्त करने के निर्देश
हरिद्वार: उत्तराखंड भर्ती घोटालों के लिए बदनाम होता जा रहा है। राज्य में पर भर्ती घोटाला करने वाले अपराधियों ने बड़ा दाग लगा दिया है। ऐसा दाग, जिसे धोने में सालों लग सकते हैं। एक के बाद एक नए-नए भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं। सहकारिता विभाग के भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासे के बाद सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हरिद्वार सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले का खुलासा हुआ है। यहां की चुड़ियाला साधन सहकारी समिति और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में नौ लोगों को गलत तरीके से नौकरी लगार दी गई। अपने चहेतों को फिट करने के लिए नियमों को पर ताक पर रख दिया गया। मानमाने ढंगे से अपनों को फिट कर दिया गया। रिपोर्ट आने के बाद अब मामले में कार्रवाई हुई है। सभी नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश जारी हो गए हैं।
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सहकारी समितियों में नियुक्तियों के लिए नियमय बनाए गए हैं। नियमानुसार ही भर्ती की जानी चाहिए थी, लेकिन यहां करीबियों को नौकरी देने के लिए मानकों की धज्जियां उड़ाई गई। नियुक्ति के लिए न तो कोई परीक्षा कराई कराई जा रही है और न ही स्टापिंग पैटर्न को अपनाया जा रहा।
एक शिकायत चुड़ियाला और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में हुई नियुक्तियों को लेकर की गई थी। शिकायत पर जिला सहायक निबंधक ने जांच बिठाई थी। अपर जिला सहकारी अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की जांच में भगवानपुर विकासखंड क्षेत्र की चुड़ियाला साधन सहकारी समिति में चार और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में पांच कर्मचारियों की नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति देने की पुष्टि हुई।
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दोनों समितियों में वर्ष 2017-18 में कर्मचारियों को बिना चयन प्रक्रिया अपनाए तैनाती दी गई। अब चार साल बाद फर्जी ढंग से भर्ती हुए कर्मचारियों की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश हो गए हैं। सवाल यह है कि गलत तरीके से कर्मचारी सालों नौकरी करते रहे और किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया।