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उत्तराखंड: डेंगू का कहर, अब तक 13 की मौत, दून का ये इलाका बना हॉट स्पॉट

उत्तराखंड: डेंगू का कहर, अब तक 13 की मौत, दून का ये इलाका बना हॉट स्पॉट

उत्तराखंड: डेंगू का कहर, अब तक 13 की मौत, दून का ये इलाका बना हॉट स्पॉट

देहरादून: डेंगू कहर बरपा रहा है. हर दिन नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. अस्पतालों में डेंगू मरीजों की लाइन लग रही है. कई लोग अस्पताल के बजाय घरों पर भी इलाज करा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार आज पूरे प्रदेश में 62 नए डेंगू के केस मिले हैं. जिसमें से 29 डेंगू के केस राजधानी में पाए गए हैं. देहरादून में अब तक डेंगू से 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 640 लोग बुखार से तप रहे हैं. अब रायपुर क्षेत्र डेंगू का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है. यहां करीब पांच सौ मरीज मिले है.

कोटद्वार के राजकीय बेस अस्पताल में भर्ती दो डेंगू मरीजों की शनिवार को मौत हो गई. इनमें एक युवक की टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हुई थी, जबकि दूसरे में डेंगू के लक्षण थे. अचानक दोनों की मौत होने से स्वास्थ्य विभाग में खलबली है. अब तक 640 मरीज सिर्फ देहरादून से सामने आए हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, ताकि डेंगू जांच की निर्धारित शुल्क और इलाज को लेकर मरीजों से अधिक शुल्क वसूला ना जाए.

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी निजी और सरकारी अस्पतालों में डेंगू रोगियों के लिए बेड, ब्लड सेंटरों में पर्याप्त मात्रा में रक्त, और डेंगू से संबंधित पैथोलॉजी सेंटरों में जांचों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी बनाए हैं.

यह नोडल अधिकारी प्रशासन द्वारा जारी डेंगू जांच के निर्धारित शुल्क की सूची प्रत्येक अस्पतालों में प्रदर्शित किए जाने के लिए समय-समय पर निरीक्षण करेंगे. वहीं, अगर कोई अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर या फिर ब्लड सेंटर निर्धारित शुल्क से अधिक पैसा वसूलता है, तो उस सेंटर और अस्पताल पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि डेंगू गाइडलाइन का पालन किए जाने को लेकर जिलाधिकारी की ओर से सभी एसडीएम और एसीएमओ की संयुक्त टीम बनाई गई है, जो समय-समय पर सभी अस्पतालों और पैथोलॉजी सेंटरों का निरीक्षण कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डॉक्टर संजय जैन ने बताया कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार जिस एलाइजा पॉजिटिव मरीज की मौत होती है, तो उस डेथ को नियमानुसार काउंट किया जाता है, लेकिन यह बिल्कुल भी सही नहीं है कि अस्पतालों में जितनी भी मौतें हो रही है. वह डेंगू के कारण हो रही हैं.

उन्होंने बताया कि जो जानकारी अस्पतालों की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त होती है. विभाग की टीम उसका ऑडिट करती है और उसके बाद अगर एलाइजा पॉजिटिव केस पाए जाते हैं, तो उसी को रिपोर्ट किया जाता है.

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