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उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के बीच कहां गायब हो गए सरकार के मंत्री?

उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के बीच कहां गायब हो गए सरकार के मंत्री?

उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के बीच कहां गायब हो गए सरकार के मंत्री?

  • एक्सक्लूसिव

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर है। यात्रा के 16-17 दिनों के भीतर ही श्रद्धालुओं की संख्या का आंकड़ा 10 लाख के पार पहुंच चुका है। यात्रा शुरू होते वक्त सभी धामों में अव्यवस्थाओं का अंबार नजर आया। चारधाम यात्रा की अवस्थाएं पूरे देश में चर्चा में रही।

चारधाम यात्रा के पहले दो-तीन दिनों में ना तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह कहीं नजर आए और ना सरकार के दूसरे मंत्री ही दिखाई दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुंबई में चुनाव प्रचार छोड़कर वापस लौटे और चारधाम यात्रा के मैनेजमेंट में जुट गए। लेकिन, उनके हैवीवेट मंत्री अब भी गायब हैं।

लेकिन, बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि बड़े-बड़े दावे करने वाले सरकार के कैबिनेट मंत्री कहां गायब हो गए? ना तो धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज चारधाम यात्रा में सक्रिय दिखाई दिए और वित और शहरी विकास मंत्री यत्रा की सुद्ध लेते दिखे। सवाल यह है कि आखिर मंत्री क्यों गायब हैं?

सतपाल महाराज एक दिन केदारनाथ दर्शन करने पहुंचे। एक-दो बयान दिए और फिर कहीं गायब हो गए। शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल भी कहीं नजर नहीं आए। उनका भ एक बयान सामने आया, जिसमें वो कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि आचार सहिंता लगी हुई। इस तरह के बयान देकर आखिर क्या साबित करना चाहते हैं, जबकि चुनाव आयोग चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की पहले ही अनुमति दे चुका है।

प्रेम चंद अग्रवाल केवल उत्तरकाशी जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। यमुनोत्री और गंगोत्री दो धाम इसी जिले में हैं। यमुनोत्री को लेकर सरकार को सबसे ज्यादा किरकिरी झेलनी पड़ी। प्रभारी मंत्री से पहले वो शहरी विकास मंत्री हैं और चारधाम यात्रा मार्गों में करीब 46-47 नगर निकाय पड़ते हैं, जिनकी सीधी जिम्मेदारी उनकी है। लेकिन, उन्होंने एक बार भी अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा नहीं की।

सरकार में मजबूत माने जाने वाले धन सिंह रावत के पास स्वास्थ्य विभाग जैसा महत्वूपर्ण विभाग है। स्वास्थ्य मंत्री भी चारधाम यात्रा के दौरान कहीं नजर नहीं आए। सवाल यह है कि आखिर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले सरकार के मंत्री और विधायक कहां गायब हो गए? दायित्वधारी भी सरकार का हिस्सा होते हैं, वह भी नदारद हैं।

बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं से दूरी क्यों? जब चुनाव आयोग पहले ही यात्रा व्यवस्थाओं के लिए अनुमति दे चुका है फिर मंत्री चुप क्यों हैं? जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दौरा कर सकते हैं, तो जिम्मेदार मंत्री क्यों नहीं? ऐसा क्या है कि सब गायब हैं? बयानबाजी करने वाले बयानवीर भी मुंह बंद किए हुए हैं?

उत्तराखंड : चारधाम यात्रा के बीच कहां गायब हो गए सरकार के मंत्री?

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