उत्तराखंड: युवाओं की टेंशन हुई दूर, भर्तियों का रास्ता, 42 सौ पदों पर मंडरा रहा था देरी का खतरा
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्त चयन सेवा आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले के बाद पुलिस कांस्टेबल, दारोगा और दूसरे पदों पर होने वाली भर्तियों पर संकट मंडराने लगा था। इन भर्तियों में देरी होने की बातें सामने आ रही थी। मौजूदा हालात के चलते परीक्षाएं कराना संभव नहीं लग रहा था। लेकिन, सरकार ने स्थिति को संभालते हुए कुछ बीच का रास्ता निकालने का निर्णय लिया है।
आयोग में परीक्षा नियंत्रक की तैनाती के बाद समूह-ग के करीब 4200 पदों पर होने वाली भर्ती का रास्ता खुल गया है। इससे पूर्व पेपर लीक प्रकरण में विवादों में घिरे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने परीक्षा नियंत्रक की तैनाती होने तक रोक लगा दी थी। अब नौकरी की आस में बैठे तीन लाख से अधिक बेरोजगार को राहत मिल सकेगी।
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आयोग में आठ महीने से परीक्षा नियंत्रक की कुर्सी खाली थी। इस्तीफा देने से पहले अध्यक्ष एस राजू ने आगामी भर्तियों की आठ परीक्षाओं पर रोक का पत्र शासन को भेजा था। जिसमें कहा गया था कि जब तक आयोग में परीक्षा नियंत्रक की तैनाती नहीं हो जाती, तब तक भर्ती परीक्षाएं कराना संभव नहीं है। दिसंबर में परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के सेवानिवृत्त होने के बाद से सचिव संतोष बड़ानी ही परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अब परीक्षा नियंत्रक की तैनाती के बाद पटवारी-लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल, फॉरेस्ट गार्ड, सहायक लेखाकार री-एग्जाम जैसी परीक्षाओं का रास्ता खुल गया है। इन विभागों में तमाम पदों के लिए बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किए हैं। अगले छह महीने में इन भर्तियों की परीक्षा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इन आठ भर्ती परीक्षाओं का तीन लाख से ज्यादा युवाओं को इंतजार है।
इन पदों पर होनी हैं भर्तियां
- फॉरेस्ट गार्ड भर्ती- 894 पद.
- पटवारी-लेखपाल भर्ती- 520 पद.
- पुलिस कांस्टेबल भर्ती- 1521 पद.
- सब इंस्पेक्टर भर्ती- 272 पद.
- लैब असिस्टेंट भर्ती – 200 पद.
- सहायक लेखाकार री-एग्जाम- 662 पद.
- उत्तराखंड जेई भर्ती – 76 पद.
- गन्ना पर्यवेक्षक भर्ती- 100 पद.