
UTTARAKHAND: विधायक मदन बिष्ट के नाम विजयपाल रावत की खुली चिट्ठी, सीएम जिंदाबाद के लगाए थे नारे
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर आंतरिक टकराव की चिंगारी सुलग उठी है। मामला है कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक मदन सिंह बिष्ट का, जिन्होंने हाल ही में एक सार्वजनिक मंच पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समर्थन में “मुख्यमंत्री जिंदाबाद” के नारे लगाए। यह बात कांग्रेस के भीतर बैठे तमाम समर्पित कार्यकर्ताओं को बुरी तरह चुभ गई।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य विजयपाल रावत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है और एक खुली चिट्ठी में विधायक मदन बिष्ट से माफी की मांग की है। उन्होंने लिखा —”मदन भाई, हम पागल नहीं थे… हजारों की भीड़ में हमने ‘गो बैक’ के नारे लगाए थे। आज आप उसी मुख्यमंत्री की जय-जयकार कर रहे हैं, जो हमारी नीतियों और संघर्षों के खिलाफ खड़ा रहा है।”
पुराने किस्सों की कसक
रावत ने चिट्ठी में याद दिलाया कि कैसे मदन बिष्ट ने अतीत में भाजपा के बड़े नेताओं की “अकड़” निकाली थी, और साजिश से गिरायी गई कांग्रेस सरकार को दोबारा सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी।
“आप वो ठाकुर हैं, जिन्होंने विजय वर्गीय और श्याम जाजू जैसे नेताओं को झुकाया था,” रावत ने लिखा, “फिर आज आप इतने ‘चिपली गिच्ची’ कैसे हो गए?”
“आपने मनोबल तोड़ा है ठाकुर साहब”
चिट्ठी में कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं की पीड़ा को स्वर दिया गया है, जो बिना किसी लाभ की उम्मीद के, झंडे के नीचे पूरी ईमानदारी से खड़े हैं। “हजारों कार्यकर्ता हैं जिनके धक्के नहीं लगते, फिर भी कांग्रेस जिंदाबाद कहते हैं। उन्हें भी सत्ता में सेटिंग करनी आती है, लेकिन वो पार्टी नहीं बेचते,” ऐसा कटाक्ष करते हुए रावत ने बिष्ट पर सवाल उठाया कि क्या आज के दौर में चाटुकारिता ही पहचान बन रही है?
राजनीति में संदेश साफ है
यह चिट्ठी न केवल व्यक्तिगत नाराज़गी का इज़हार है, बल्कि कांग्रेस के भीतर के असंतोष का सार्वजनिक ऐलान भी। पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच की यह खाई अगर नहीं पाटी गई, तो विधानसभा चुनाव की तैयारी में यह दरार बड़ी चुनौती बन सकती है।
अब देखना यह होगा कि क्या मदन बिष्ट इस खुले खत पर कोई प्रतिक्रिया देते हैं, या पार्टी नेतृत्व इस उबाल को ठंडा करने के लिए आगे आता है।