Trending News

उत्तराखंड: IAS सविन बंसल की पहल, जो किसी ने नहीं किया, वो कर दिया, लोगों को मिला सहारा…VIDEO

उत्तराखंड: IAS सविन बंसल की पहल, जो किसी ने नहीं किया, वो कर दिया, लोगों को मिला सहारा…VIDEO

देहरादून :  जिलाधिकारी IAS सविन बसंल एक के बाद एक नई-नई मुहीम शुरू कर रहे हैं। देहरादून जिला प्रशासन ने राइफल क्लब फंड के उपयोग से निर्धन, असहाय और जरूरतमंद लोगों के लिए आशा की किरण जलाई है। इस फंड का उपयोग, शस्त्र लाइसेंस जैसे लक्जरी लेन-देन के लिए किया जाता है। लेकिन, यह पहली बार हुआ है कि इस फंड का उपयोग अब गरीब और कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए किया जा रहा है। इसके तहत चिकित्सा, मकान मरम्मत और स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

एक दिन पहले ही इसके तहत छह जरूरतमंद व्यक्तियों को कुल 1.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को 25,000 रुपये का चेक प्रदान किया गया। यह पहल माननीय मुख्यमंत्री के उस संकल्प को साकार कर रही है, जिसमें समाज के वंचित वर्ग को सरकारी योजनाओं और उपलब्ध संसाधनों से लाभान्वित करना है।

अब तक इनको मिली चुकी मदद

शमशेर सिंह, 75 वर्षीय बुजुर्ग (गुलरघाटी), जिनका मकान जीर्ण-शीर्ण था, को आर्थिक सहायता से उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई।

प्रियंका कुकरेती (चन्द्रबनी), जिनके पिता का देहांत हो चुका है और परिवार में दो दिव्यांग भाई हैं, को न केवल आर्थिक सहायता दी गई, बल्कि उनकी मास्टर डिग्री की पढ़ाई का खर्च भी जिला प्रशासन वहन करेगा।

आनंदी देवी (बनियावाला), जिनके पति लापता हैं, और किरण धीमान (शिव एन्कलेव), जिनके पति मानसिक रूप से बीमार हैं और वह स्वयं किडनी रोग से पीड़ित हैं, को रोजगार और उपचार के लिए सहायता दी गई।

सूरज, जिन्होंने दुर्घटना में अपने पैर खो दिए, और मनीष, जिनकी आंख दुर्घटना में खराब हो गई, को क्रमशः स्वरोजगार शुरू करने और कृत्रिम आंख लगाने के लिए सहायता मिली।

राइफल क्लब फंड का नया उद्देश्य
वर्ष 1959 से संचालित राइफल क्लब फंड, जो पहले शस्त्र लाइसेंस, नवीनीकरण और अन्य संबंधित कार्यों के लिए था, अब जिलाधिकारी सविन बसंल ने इसे सीएसआर पहल के रूप में उपयोग किया है। अब तक इस फंड से 12.55 लाख रुपये की सहायता वितरित की जा चुकी है।

मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास 

जिलाधिकारी ने कहा, “यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है। हम उनकी सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते, लेकिन उनकी मुश्किलों को कम कर सकते हैं।” उन्होंने उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी और तहसील टीम की सराहना की, जिन्होंने पात्र लोगों को चिन्हित किया। जब बुजुर्ग शमशेर सिंह ने मासूमियत से पूछा, “साहब, यह पैसा वापस करना है?” तो जिलाधिकारी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह प्रशासन की ओर से छोटी सी मदद है। इसे सोच-समझकर उपयोग करें, ताकि आपका परिवार आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने।

 

CATEGORIES
Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )