Trending News

उत्तराखंड: अब विधानसभा भर्तियों की जांच की मांग ने पकड़ा जोर, ये बड़ी वजह

देहरादून: उत्तराखंड में यूपी ट्रिपल सी एसएससी भर्ती घोटाले का मामला सामने आने के बाद अब एसटीएफ को कुल 6 व्यक्तियों के जांच की जिम्मेदारी दे दी गई है. लेकिन इस बीच कई और भर्तियों की जांच की मांग भी शुरू हो गई है.

इनमें सबसे बड़ा मुद्दा विधानसभा में अब तक हुई बैंक चोर भर्तियों का भी उठने लगा है इसको लेकर आओ जांच की मांग की जा रही है कांग्रेस में खोजने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भर्तियों की जांच करने की मांग की है.

कामरेड इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि उत्तराखंड में इस वक्त उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) द्वारा हुई भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधलियों का मामला गर्माया हुआ है और इस संदर्भ में उत्तराखंड एसटीएफ़ द्वारा जांच भी की जा रही है.

इसके साथ ही प्रदेश में हुई अन्य नियुक्तियों में भी इस तरह की धांधली होने की आशंका प्रकट की जा रही है. जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे प्रतीत होता है कि यह आशंका निर्मूल भी नहीं है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विधानसभा में हुई नियुक्तियों के संबंध में भी लगातार आशंकाएं प्रकट की जाती रही हैं. राज्य की विधानसभा, उत्तराखंड में विधान बनाने वाला सर्वोच्च सदन है. वहां हुई नियुक्तियां कितनी पाक-साफ हैं, यह तो जांच का विषय है, लेकिन इतना स्पष्ट है कि राज्य बनने के बाद अब तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों में पारदर्शिता का नितांत अभाव रहा है, जो इन नियुक्तियों के साफ-सुथरे होने पर संदेह को जन्म देता है.

इस संदर्भ में आज (दिनांक 24 अगस्त 2022 को) एक समाचार पत्र (राष्ट्रीय सहारा) द्वारा प्रथम पृष्ठ पर बड़ी खबर प्रकाशित की गयी है. उक्त खबर के अनुसार चौथी विधानसभा के कार्यकाल के अंतिम चरण तक ही 129 नियुक्तियां की गयी, जिनकी न रिक्तियों की स्पष्टता है, न विज्ञप्ति की और ना ही परीक्षा कब हुई, इसका ही पता है. अखबार कहता है कि इन 129 नियुक्तियों में अधिकांश को प्रभावशाली लोगों की सिफ़ारिश पर रखा गया. उक्त समाचार पत्र में पैसा लेकर नियुक्तियां किए जाने का भी जिक्र है.

खबर के अनुसार विधानसभा में कार्मिकों की संख्या 560 हो गयी है, जो देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य-उत्तर प्रदेश से भी अधिक है. यह हैरत की बात है कि 405 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में कार्मिकों की संख्या है- 543 और 70 सदस्यों वाली उत्तराखंड विधानसभा में सदस्यों की संख्या है- 560.

यह पहली बार नहीं है कि उत्तराखंड विधानसभा में हुई नियुक्तियों पर सवाल उठे हैं. 2016 में भाजपा के तत्कालीन प्रवक्ता और वर्तमान में विधानसभा के माननीय सदस्य श्री मुन्ना सिंह चौहान ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल पर भर्तियों में घपले का आरोप लगाया और कहा था कि जो अधिकांश लोग नियुक्त हुए वे कुंजवाल के विधानसभा क्षेत्र- जागेश्वर के थे.

2016 में विधानसभा की जिन नियुक्तियों पर प्रश्न उठाने का जिक्र ऊपर किया गया, उनके संदर्भ में एक रोचक तथ्य यह है कि एक अभ्यर्थी ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा कि “महोदय मैं स्नातक (बीए) हूँ, मैं बेहद गरीब परिवार से हूँ और मेरे लिए परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है, अतः मुझे कोई रोजगार प्रदान करने की कृपा करें. यह विडंबना है कि ऐसे पत्र पर आवेदक को विधानसभा में नौकरी प्राप्त हुई.

 

ऐसे समय में जबकि प्रदेश में नियुक्तियों में घोटालों की बड़े पैमाने पर जांच करवाई जा रही है, यह अत्यंत आवश्यक है कि विधानसभा में भी राज्य बनने के बाद हुई तमाम नियुक्तियों की जांच हो.

विधानसभा राज्य के लिए विधान बनाने वाले सर्वोच्च संस्था है, इसलिए उसमें होने वाली तमाम नियुक्तियों का वैधानिक कसौटी पर खरा उतरना नितांत आवश्यक है. अतः न्याय, पारदर्शिता और वैधानिकता के लिए विधानसभा में राज्य बनने के बाद हुई तमाम नियुक्तियों के समयबद्ध जांच का आदेश देने की कृपा करें.

Share ThisFacebook, whatsapp, teligram