उत्तराखंड : कारगिल विजय दिवस पर मुख्यमंत्री ने की ये 4 बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कारगिल शहीदों के परिवार जनों को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने की ये 4 घोषणाएं
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 04 घोषणाएं की। उन्होंने घोषणा की कि राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जायेगी। शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 साल किया जायेगा। शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जायेगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे।
पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में माँ भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय दिया। भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
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शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि बढ़ाकर 50 लाख होगी।
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सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को बढ़ाकर 5 साल ।
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जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर भी नियुक्ति
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सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे।
विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी। जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे। हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते। अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की।
सेना पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सेना न केवल पहले से और अधिक सक्षम और सशक्त हो रही है बल्कि उसकी यश और कीर्ति भी बढ़ रही है। हमारी सरकार जहां एक तरफ सेना के आधुनिकीकरण पर बल दे रही है, वहीं सैनिकों और उनके परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को भी बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री जी निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है। आज भी प्रधानमंत्री ने कारगिल वॉर मेमोरियल, लद्दाख में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्राविधान किया जायेगा, इसके लिए एक्ट लाया जायेगा।
आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है। अभी तक 26 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त धनराशि में वृद्धि की गई है। देहरादून के गुनियालगाँव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त ’शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें। उन्होंने कहा कि हर्बटपुर में सैनिक कल्याण का दूसरा कार्यालय खोला जा रहा है।