बारबाडोस का ध्वज लगे लाइबेरिया के इस जहाज पर सशस्त्र गार्डों समेत कुल 23 लोग सवार थे। मिसाइल हमले के कारण जहाज में आग लग गई। जिससे दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य बुरी तरह से घायल हो गए।
23 सदस्यीय इस जहाज के कैप्टन भारतीय दीपक शर्मा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए घायल सदस्य को कंधों पर उठाकर उसे राहत नौका तक पहुंचाया। इसके अलावा चार अन्य घायलों को भी बचाव नौका तक पहुंचाया। इस बीच कैप्टन दीपक भी आग से झुलस गए, लेकिन उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों को राहत नौका तक पहुंचाया। बाद में एक घायल की मौत हो गई। हमले की जानकारी मिलने पर भारतीय युद्धपोत आइएनएस कोलकता ने इन सभी क्रू मेंबर्स को बचा लिया।
दीपक शर्मा देहरादून के डिफेंस कालोनी में रहते हैं और वह पिछले 17 साल से मर्चेंट नेवी में काम कर रहे हैं। उनके स्वजन का कहना है कि दीपक हमले में खुद घायल हो गए, लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। इस जहाज पर वह इकलौते भारतीय थे। इस हमले में घायल दीपक और उनके साथियों का जिबोजी में इलाज चल रहा है। दीपक पदमश्री डा. माधुरी बड़थ्वाल के दामाद हैं।