उत्तराखंड: गांव के बाहर लगाया बोर्ड, बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे जमीन, जो बेचेगा उसकी खैर नहीं…!
उत्तराखंड: गांव के बाहर लगाया बोर्ड, बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे जमीन, जो बेचेगा उसकी खैर नहीं…!
टिहरी: पैसों के लालच में लोग पहाड़ों की अपनी बेशकीमती जमीनें बाहरी लोगों के हाथों बेच रहे हैं. नतीजा यह हो रहा है कि हम अपने ही गांव और जमीनों पर नौकर बन रहे हैं. डेमोग्राफी चेंज का भी यह एक बहुत बड़ा कारण है. राज्य में सख्त भू-कानून की भी मांग उठ रही है.
सरकार लगातार डेमोग्राफी चेंज की बात कर रही है. बाहरी लोगों के अवैध कब्जे हटाने के दावे भी कर रही है, लेकिन कानून बनाने की दिशा में कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही है. इस बीच भू-कानून और आंदोलन का असर लोगों पर नजर आने लगा है.
पहाड़ के लोग बाहरी लोगों को अपनी जमीन नहीं बेच रहे हैं. अपनी भूमि को बाहरी लोगों के हाथों में देने को लेकर अब लोगों में चिंता बढ़ रही है. टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा ब्लॉक की धार अकरिया पट्टी का एक ऐसा ही गांव है कठूड़. इस गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से बैठक कर यह निर्णय लिया है कि गांव की जमीन को किसी भी हाल में बाहरी लोगों को नहीं बेची जाएगी. इसके लिए बाकायदा गांव के प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड भी लगाया गया है.
कठूड़ गांव में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में ग्राम प्रधान विमला देवी की अध्यक्षता में गांव के लोगों ने एकत्र होकर विचार-विमर्श किया. इस बैठक में ग्रामीणों ने इस बात पर चर्चा की कि हाल के समय में बाहरी लोगों द्वारा बिचौलियों के माध्यम से गांव की जमीन खरीदने के प्रयास किए जा रहे हैं.
बैठक में यह मुद्दा उठाया गया कि बाहरी व्यक्तियों द्वारा स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ का प्रलोभन देकर उनकी जमीनों को हथियाने की कोशिश की जा रही है, जिससे गांव के संसाधनों और पारंपरिक संस्कृति को खतरा हो सकता है. विमला देवी ने बताया कि गांव के सभी लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अपनी पुश्तैनी जमीनों को बचाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए.
उन्होंने आगे बताया कि कुछ बाहरी लोग गांव के लोगों को पैसों का लालच देकर जमीन की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. इसे देखते हुए गांववासियों ने बैठक कर संयुक्त रूप से निर्णय लिया है कि गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि बाहरी लोगों के आने से हमारी संस्कृति, आस्था, और रीति-रिवाजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.
इसलिए अपने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए गांव के लोगों ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव की भूमि नहीं बेची जाएगी. साथ ही गांव में प्रवेश करने वाले स्थान पर साफ लिखा है कि यहां जमीन की खरीद-फरोख्त करना प्रतिबंधित है. जो भी बिचौलिया जमीन की खरीद-फरोख्त में शामिल पाया गया, उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उत्तराखंड: गांव के बाहर लगाया बोर्ड, बाहरी लोगों को नहीं बेचेंगे जमीन, जो बेचेगा उसकी खैर नहीं…!