रामचरितमानस विवाद के बाद अब कर्नाटक के लेखक और ‘बुद्धिजीवी’ केएस भगवान ने भगवान राम को लेकर एक और विवाद को हवा देने का काम किया है. उन्होंने भगवान राम और सीता को लेकर कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. केएस ने दावा किया कि ‘वाल्मीकि रामायण’ में कहा गया है कि भगवान राम हर दोपहर अपनी पत्नी सीता के साथ बैठकर शराब पीते थे. उन्होंने बिना परवाह किए अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया.

इतना ही नहीं केएस भगवान ने यह भी कहा कि राम ने एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया था. उन्होंने सवाल खड़ा किया कि आखिर राम कैसे आदर्श हो सकते हैं. राम राज्य बनाने की बात चल रही है लेकिन वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि (भगवान) राम आदर्श नहीं थे. उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया था.

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2018 में भी उन्होंने इसी तरह का विवाद खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम ‘नशा’ पीते थे और सीता को भी इसका सेवन कराते थे. उन्होंने अपनी पुस्तक ‘राम मंदिर येके बेड़ा’ में भी यह टिप्पणी की थी. तब भी उनके बयान का जोरों से विरोध हुआ था. यहां तक की लेखक के घर के बाहर लोगों ने भगवान राम की पूजा करने की भी कोशिश की थी.