देहरादून: इन दिनों प्रदेश में ट्रांसफर का दौर चल रहा है। विभिन्न विभाग में लगातार ट्रांसफर किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग में लगातार स्थानांतरण किए जा रहे हैं। एक के बाद एक सूची जारी की जा रही है। इन सूचियों के बीच एक चिट्ठी सामने आई है, जो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। यह कोई आम चिट्ठी नहीं है। अल्कि आदेश है। इसे बाकायदा मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजा गया है। हालांकि, इसमें कितना सच है। फिलहाल यह साफ नहीं है।

शिक्षक नेता मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने फेसबुक पर एक पोस्ट की है। उन्होेंने कटाक्ष करते हुए लिखा है। त्वरित निर्णय, पारदर्शिता, सुशान। दरअसल, जो चिट्ठी वायरल हो रही है, वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संयुक्त सचिव संजय टोलिया की ओर से लिखी गई है। चिट्ठी कहना गलत होगा, जो भाषा लिखी गई है। उसमें सीधेतौर पर शिक्षा महानिदेशक को मामले में व्यक्गित ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।

इतना ही नहीं। सीएम कार्यालय से आदेश मिलने के बाद महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने भी इस मामले में 8 जुलाई को अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कुमाऊं को संबंधिम मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बड़ा सवाल यह है कि जब ट्रांसफर एक्ट के तहत स्थानांतरण किए जाने हैं, तो फिर इस तरह के आदेश क्यों दिए जा रहे हैं।

उनकी इस पोस्ट के बाद लोग उस पर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि अगर इस तरह से ही सब चलता रहा तो वास्तव में विषेश परिस्थ्यिों वाले शिक्षक हैं, उनका क्या होगा। किसी ने सवाल उठाया कि नियम सबके लिए होने चाहिए। शिक्षकों की इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

इसमें तीन शिक्षिकाओं के नाम लिखे गए हैं और साथ में उनके ट्रांसफर के लिए प्रस्तावित स्थान भी दिया गया है। खास बात यह है कि यह दूसरी चिट्ठी है। इससे पहले 9 जून को लिखी गई चिट्ठी पर जब कार्रवाई नहीं हुई, तो दोबारा चिट्ठी लिखी गई। हालांकि, यह चिट्ठी  26 जून को लिखी गई थी, लेकिन अब ये सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।

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