
उत्तराखंड का बदनाम महंत, शादी किसी से…लिव-इन में किसी के साथ…जेल गया छेड़छाड़ के मामले में…!
नैनीताल/हरिद्वार। ये पूरा मामला उत्तराखंड के बदनाम महंत से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार के प्रसिद्ध चंडी मंदिर से जुड़े विवादास्पद मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने मंदिर का प्रबंधन अगली सुनवाई तक बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को सौंपने के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने मामले में नामजद रीना बिष्ट को अग्रिम जमानत प्रदान करते हुए उन्हें सुरक्षा देने के निर्देश भी प्रशासन को दिए हैं।
न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ में इस प्रकरण की सुनवाई हुई, जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित रहे।
रीना बिष्ट ने अग्रिम जमानत याचिका दायर कर कहा कि उन्हें चंडी मंदिर के चढ़ावे की चोरी के झूठे मामले में फंसाने की साजिश की जा रही है। याचिका में कहा गया कि मंदिर के तत्कालीन महंत रोहित गिरी से जुड़े पुराने विवाद और उनके अवैध संबंधों को लेकर उन्हें जबरन ट्रस्टी पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
विवादों में घिरे महंत और अवैध संबंधों का आरोप
प्रार्थिनी के अनुसार, वर्ष 2021 में रोहित गिरी ने रीना बिष्ट को चंडी मंदिर में स्थान दिया था। बाद में यह स्पष्ट हुआ कि उनके बीच शारीरिक संबंध बन चुके थे, और वीडियो के आधार पर रीना ने ब्लैकमेलिंग कर लाखों रुपये ऐंठे। जनवरी 2025 में उनके कथित रिश्ते से एक बेटी का जन्म भी हुआ।
वहीं मई 2025 में पंजाब पुलिस द्वारा रोहित गिरी को छेड़छाड़ के एक अन्य मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद, प्रार्थिनी पर मंदिर के दान-चढ़ावे की रकम के गबन का आरोप मढ़ा गया और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई।
कोर्ट ने मंदिर परिसर में अराजकता पर जताई चिंता
सुनवाई के दौरान जस्टिस राकेश थपलियाल ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “ये कैसे महंत हैं जो शादीशुदा होते हुए भी एक महिला के साथ लिव-इन में रहते हैं और तीसरी महिला से छेड़छाड़ के आरोप में जेल में हैं?” उन्होंने कहा कि पवित्र मंदिरों में ऐसी गतिविधियां निंदनीय हैं और आस्था के केंद्रों की गरिमा से खिलवाड़ सहन नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने मंदिर परिसर में जुड़े सभी विवादित व्यक्तियों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाने की आवश्यकता जताई और मामले की अगली सुनवाई तक बीकेटीसी को मंदिर का अंतरिम प्रबंधन सौंपने के आदेश पारित किए।