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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण कराएगा आयोग

चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: पूरे देश में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण कराएगा आयोग

नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने देशभर की मतदाता सूचियों को पारदर्शी और शुद्ध बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के बाद अब पूरे देश में यह प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

24 जून को जारी आदेश में, आयोग ने कहा कि  “आयोग ने मतदाता सूचियों की अखंडता की रक्षा के लिए अपने संवैधानिक दायित्व के तहत पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने का फैसला किया है। अन्य राज्यों के लिए शेड्यूल यथासमय घोषित किया जाएगा।”

क्यों ज़रूरी है SIR?

चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाता सूची का नियमित पुनरीक्षण न केवल एक संवैधानिक दायित्व है, बल्कि यह लोकतंत्र की शुचिता और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए अनिवार्य भी है। SIR के ज़रिए मृतक मतदाताओं, पलायन कर चुके नागरिकों, दोहरी प्रविष्टियों और फर्जी नामों को सूची से हटाया जाता है।

आयोग ने SIR के विरोध पर उठे सवालों का जवाब देते हुए दो टूक कहा, “भारत का संविधान भारतीय लोकतंत्र की जननी है। तो क्या आयोग कुछ लोगों के बहकावे में आकर संविधान के खिलाफ जाकर, मृतक, पलायन कर चुके, दोहरे नाम वाले, फर्जी या विदेशी मतदाताओं को सूची में रहने दे और फर्जी मतदान का रास्ता खुला छोड़ दे?”

विरोध के बीच आयोग का सख्त रुख

SIR को लेकर बिहार में कुछ दलों और संगठनों की ओर से उठाए गए विरोध पर आयोग ने स्पष्ट किया कि यह कोई राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि संविधान सम्मत प्रक्रिया है। यह देश की मतदाता पहचान की शुद्धता और चुनाव प्रणाली में जनता के विश्वास को बनाए रखने का प्रयास है।

बिहार में SIR प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है, और अब देश के अन्य राज्यों में भी चरणबद्ध तरीके से यह अभियान चलाया जाएगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी इस संबंध में तैयारी कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग का यह कदम देशभर में स्वच्छ, पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव प्रणाली की दिशा में एक मजबूत पहल मानी जा रही है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची की शुद्धता ही लोकतंत्र की मजबूती की पहली शर्त है।

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