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खनन ट्रकों का आतंक: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विजयपाल रावत ने की सख्त कार्रवाई की मांग

खनन ट्रकों का आतंक: कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विजयपाल रावत ने की सख्त कार्रवाई की मांग

बड़कोट:  उत्तराखंड में तेज रफ्तार खनन ट्रकों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। देहरादून के लच्छीवाला टोल प्लाजा पर हुए भीषण हादसे के बाद, हल्द्वानी में भी दर्दनाक दुर्घटना हुई, जिसमें पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। आए दिन इस तरह की खबरें आती रहती हैं। उत्तरकाशी जिले में भी खनन ट्रकों और डंपरों की रफ्तार फर्राटेदार रहती है। कांग्रेस प्रवक्ता विजयपाल रावत ने बेलगाम ट्रकों रफ्तार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

खनन ट्रकों का आतंक

उत्तराखंड में लगातार हो रहे इन हादसों के बाद प्रदेश कांग्रेस ने प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता विजयपाल सिंह रावत ने उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर गंगा घाटी और यमुना घाटी में खनन सामग्री से भरे भारी वाहनों की तेज रफ्तार पर रोक लगाने की मांग की है।


उन्होंने कहा कि, “खनन माफिया के ट्रक बेलगाम दौड़ रहे हैं, जिससे आम नागरिकों की जान जा रही है। लच्छीवाला के हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके चलते हल्द्वानी में भी निर्दोष लोगों की जान चली गई। अगर सरकार और प्रशासन जल्द कदम नहीं उठाते, तो ये मौतों का सिलसिला यूं ही जारी रहेगा।”


विजयपाल रावत की मांगें 

1. खनन सामग्री से लदे ट्रकों की गति पर सख्त निगरानी रखी जाए और तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।

2. ट्रकों के फिटनेस, लाइसेंस, आरसी और प्रदूषण प्रमाणपत्र की नियमित जांच अनिवार्य की जाए।

3. सुनिश्चित किया जाए कि खनन ट्रक केवल तय किए गए मार्गों पर ही चलें और घनी आबादी वाले इलाकों में उनकी आवाजाही पर रोक लगाई जाए।

4. रात के समय बड़कोट और शहरी व भीड़भाड़ वाले इलाकों में खनन ट्रकों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित की जाए ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

हल्द्वानी और देहरादून में हुए इन हादसों ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें जांच में जुटी हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या इन हादसों से सबक लेकर कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे? या फिर लोगों की जान यूं ही सड़क पर कुचली जाती रहेगी? प्रदेश में लगातार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए जनता में भारी रोष है और वे खनन ट्रकों पर सख्त नियंत्रण की मांग कर रहे हैं।

 

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