उत्तराखंड: बनभूलपुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, 5 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल
हल्द्वानी: हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण मामले में कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लोगों की उम्मीदें अब सर्वोच्च न्यायालय में पर टिकी हैं। पहले भी लोगों को राहत मिली थी। लेकिन, रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट से उनको मिली राहत पर अपनी मानमानी से पानी फेर दिया। जबकि, रेलवे आज तक यह नोटिफिकेशन पेश नहीं कर पाया है कि वह जमीन उसकी है।
एक और बड़ी बात यह है कि जब मामले केवल 29 एकड़ का है, तो फिर 78 एकड़ पर रेलवे ने डिमार्केशन की। इस पर भी लगातार सवाल उठाए गए, हाईकोर्ट में भी उस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार अब तक कोर्ट में पांच से अधिक याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं।
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अतिक्रमण हटाने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में 29 एकड़ रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था और अतिक्रमणकारियों को इसे खाली करने के लिए एक सप्ताह का अग्रिम नोटिस दिया था।
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बनभूलपुरा के हजारों निवासियों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे वे बेघर हो जाएंगे और उनके स्कूली बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। इस कदम से बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित होंगे। अब उच्चतम न्यायालय हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय की याचिका को चुनौती देने वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।
दूसरी तरफ मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि श्उत्तराखंड के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब व मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति-दुःखद। सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाए।
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डीआईजी कुमाऊं रेंज का कहना है कि हमने अखबारों में (जमीन खाली करने के लिए) नोटिस दिया है। 5 पीएसी कंपनियां मौके पर तैनात हैं और तीन पीएसी कंपनियां भी आठ जनवरी तक पहुंच जाएंगी। हमने सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी मांगी हैं।
करीब 4000-5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश लागू होगा। हमने जनता के साथ बैठकें कीं और उनसे अदालत के आदेश का पालन करने को कहा। हमने आदेश के आसान कार्यान्वयन के लिए क्षेत्र को जोन, सेक्टर, सुपरजोन में विभाजित किया है।