केंद्रीय विद्यालय संगठन ने यह कदम अभिभावकों की दिक्कतों के साथ ही रिजर्व बैंक की सलाह को ध्यान में रखते हुए उठाया है। जिसमें रिजर्व बैंक ने संस्थानों से ईज आफ डूइंग बिजनेस और डिजिटल इंडिया की पहल के जरिये सभी तरह के पेमेंट सिस्टम को आसान बनाने का सुझाव दिया था।
हालांकि, इस सिस्टम को शुरू करने के पहले KVS ने जनवरी महीने में इसे लेकर एक ट्रायल भी किया। जिसमें सफल पाए जाने के बाद इसे अब छात्रों के लिए खोल दिया गया है। इसके तहत अब Google-pay, PhonePe और अमेजन-पे सहित भारत बिल पेमेंट सिस्टम से जुड़े लगभग 400 एप के जरिये फीस का भुगतान किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि केंद्रीय विद्यालयों में 2013-14 तक फीस को कक्षा शिक्षकों के जरिये जमा कराने की व्यवस्था थी। जिसे 2014-15 में मोदी सरकार के आने के बाद आनलाइन किया गया। जो अलग-अलग बैंकों के जरिये ही जमा कराई जाती थी। मौजूदा समय में देश में लगभग 1250 केंद्रीय विद्यालय है।