
स्मार्ट मीटर का कारनामा : बिजली खर्च की 330 रुपये की, विभाग ने थमाया 46.60 लाख का बिल
हल्द्वानी: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के हल्द्वानी छड़ायल क्षेत्र में एक उपभोक्ता को 46.60 लाख रुपये का बिजली बिल भेजे जाने का मामला सामने आने के बाद ऊर्जा निगम में हड़कंप मच गया है। स्मार्ट मीटर को लेकर पहले से हो रहे विरोध के बीच इस घटना ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधीक्षण अभियंता (एसई) नवीन मिश्रा और विद्युत परीक्षण खंड के अधिशासी अभियंता (ईई) डीडी पांगती ने त्वरित कार्रवाई शुरू की है।
जिम्मेदारों को कारण बताओ नोटिस
ईई डीडी पांगती ने ग्रामीण डिविजन के जूनियर इंजीनियर (जेई), स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनी के इंजीनियर और क्षेत्रीय प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने संबंधित पक्षों से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा है। साथ ही, स्मार्ट मीटर लगाने के काम में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। पांगती ने कहा कि उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर के फायदे और तकनीकी जानकारी देने के लिए भी कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है।
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पुराने मीटर में खराबी थी वजह
एसई नवीन मिश्रा ने बताया कि छड़ायल क्षेत्र में उपभोक्ता को 46.60 लाख रुपये का बिल भेजे जाने के मामले की जांच की गई। पता चला कि पुराने मीटर की डिस्प्ले स्क्रीन में खराबी थी, जिसके कारण रीडिंग में शुरुआती अंक शून्य की जगह सात दिखाई दे रहा था। इस गलत रीडिंग की वजह से बिल असामान्य रूप से बढ़ गया। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता के घर 25 मार्च को स्मार्ट मीटर लगाया गया था, जिसका बिल अगले महीने जनरेट होगा। नए स्मार्ट मीटर में कोई खराबी नहीं पाई गई है।
जांच के बाद बिल 330 रुपये में सुधारा गया
मिश्रा ने बताया कि उपभोक्ता के मीटर की एमआरआई (मैग्नेटिक रीडिंग इंस्ट्रूमेंट) जांच की गई और पुरानी रीडिंग का पूरा विवरण निकाला गया। जांच में पाया गया कि उपभोक्ता की मासिक खपत सामान्य थी। गलत बिल को सुधारने का अधिकार ईई स्तर के अधिकारी को होता है, और जांच के बाद बिल को संशोधित कर 46.60 लाख रुपये से घटाकर 330 रुपये कर दिया गया। उपभोक्ता को इसकी जानकारी दे दी गई है।
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स्मार्ट मीटर में कम खपत दर्ज
एसई मिश्रा ने बताया कि पुराने और नए स्मार्ट मीटर की रीडिंग की तुलना की गई। 18 से 24 मार्च तक पुराने मीटर में उपभोक्ता की दैनिक खपत 5.3 से 6.8 यूनिट थी, जबकि स्मार्ट मीटर लगने के बाद 26 मार्च से 1 अप्रैल तक यह 2.85 से 5.5 यूनिट दर्ज की गई। इससे साफ है कि स्मार्ट मीटर में खपत की रीडिंग अधिक सटीक और कम थी।
स्मार्ट मीटर के साथ QR कोड की सुविधा
एसई नवीन मिश्रा ने बताया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत मोबाइल पर देखने की सुविधा देता है। इसके लिए उपभोक्ता गूगल प्ले स्टोर या ऐप्पल ऐप स्टोर से संबंधित ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाले मीटर सीलिंग पत्र में एक QR कोड दिया जाता है, जिसे स्कैन कर ऐप डाउनलोड की जा सकती है। यह सुविधा उपभोक्ताओं के लिए बिजली खपत को पारदर्शी और आसान बनाती है।