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थान गांव में शिव महापुराण कथा और श्री जमदग्नि ऋषि मंदिर जीर्णोद्धार प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान

थान गांव में शिव महापुराण कथा और श्री जमदग्नि ऋषि मंदिर जीर्णोद्धार प्राणप्रतिष्ठा अनुष्ठान

उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील के थान गांव में इन दिनों आध्यात्मिक और धार्मिक आस्था की अनूठी छटा देखने को मिल रही है। नगांण थोक के सभी गांवों के सहयोग से यहां 11 दिवसीय सामूहिक शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन क्षेत्र की धार्मिक परंपराओं को सुदृढ़ करने के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना हुआ है।

18वीं शताब्दी में निर्मित श्री जमदग्नि ऋषि मंदिर 

18वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर वर्षों से ग्रामीणों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है। स्थानीय लोगों ने अपने संसाधनों और श्रमदान से इस ऐतिहासिक मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य स्वरूप प्रदान किया है। इसके साथ ही मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा भी विधिवत रूप से संपन्न की जा रही है, जिससे समूचे क्षेत्र में धार्मिक उल्लास का माहौल बना हुआ है।

शिव महापुराण कथा में संत लवदास महाराज का प्रवचन

शिव महापुराण कथा के मुख्य कथा वाचक के रूप में प्रसिद्ध संत लवदास  महाराज भक्तों को भगवान शिव की महिमा और दिव्य लीलाओं से परिचित करा रहे हैं। उनकी वाणी में शिव तत्व का रस घुला हुआ है, जिससे श्रद्धालु गहरी भक्ति में लीन हो रहे हैं। प्रतिदिन कथा में भारी संख्या में ग्रामीण और श्रद्धालु एकत्रित हो रहे हैं और भजन-कीर्तन के साथ भक्ति का आनंद ले रहे हैं।

क्षेत्र में धार्मिक उत्साह और सामूहिक सहभागिता

यह आयोजन क्षेत्रवासियों के सामूहिक प्रयास और धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया है। इस ऐतिहासिक मंदिर के पुनर्निर्माण और भव्य आयोजन में सभी ग्रामीणों ने तन, मन और धन से योगदान दिया है। क्षेत्रीय समाज में इस आयोजन को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है, और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में स्थापित हो रहा है।

आध्यात्मिकता की एक नई ऊर्जा का संचार

मंदिर के जीर्णोद्धार और शिव महापुराण कथा के इस ऐतिहासिक आयोजन से थान गांव और आस-पास के क्षेत्रों में आध्यात्मिकता की एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। यह आयोजन न केवल धार्मिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का कार्य कर रहा है बल्कि सामाजिक एकता और सामूहिक सहयोग की भावना को भी मजबूती प्रदान कर रहा है।

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