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आकाश तत्व-आकाश फॉर लाइफ पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केंद्रीय मंत्री और CM धामी समेत ये हुए शामिल

नेशनल कांफ्रेंस ऑफ एजुकेशन ऑन आकाश तत्व-आकाश फॉर लाइफ पर राष्ट्रीय सम्मेलन देहरादून में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन का उद्घाटन बीते रोज राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया था। सम्मेलन के दूसरे दिन आयोजित कॉन्फ्रेंस का केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैया जी जोशी ने संयुक्त रूप से किया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन के लिए इसरो और सभी प्रमुख वैज्ञानिक और विभाग, विज्ञान भारती के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

विज्ञान भारती स्वदेशी भावना के साथ एक गतिशील विज्ञान आंदोलन है, जो एक ओर पारंपरिक और आधुनिक विज्ञानों को, तो दूसरी ओर प्राकृतिक और आध्यात्मिक विज्ञान को जोड़ने का काम करता है। इस कॉन्क्लेव के दौरान देश के प्रख्यात वक्ता आकाश तत्व के विभिन्न आयामों पर अपने विचार साझा कर रहे हैं। सम्मेलन में बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उम्मीद जताई कि नई पीढ़ी पृथ्वी के मूल तत्व के विषय में वैज्ञानिक विश्लेषण करने में सक्षम होगी। उसकी कई भ्रांतियां भी इसे लेकर दूर होंगी। उन्होंने पुरातन विज्ञान को पुरातन न कहकर सनातन विज्ञान की संज्ञा दी।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा यह सम्मेलन सभी तरह के विचारों के विस्तारित एकीकरण के माध्यम से पारंपरिक और आधुनिक ज्ञान के सम्मिश्रण को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति के साथ-साथ भारत के युवाओं को प्राचीन विज्ञान के ज्ञान से परिचित कराना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से समाज के भीतर विज्ञान और तकनीकी विकास के एकीकरण का आह्वान किया है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत का विश्व समुदाय में परचम लहराएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 8 वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित सभी वैज्ञानिक गतिविधियों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के विस्तार ने आम आदमी के लिए जीवन को आसान बनाया है।

वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि पिछले 60 सालों के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में देश ने जो हासिल किया है, उससे दुनिया भारत को एक प्रेरणादायक स्थान के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि वह इस क्षेत्र में स्टार्टअप लाकर और उन्हें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में शामिल करके राकेट और उपग्रहों को विकसित करने के बदलाव के रूप में निहार रही है। भारत की आजादी के 75वें साल का जिक्र करते हुए सोमनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्पष्ट दृष्टि है कि देश को अगले 25 वर्षों में क्या हासिल करना है। आने वाले 25 साल के दौरान भारत साइंस एंड टेक्नालाजी के क्षेत्र में काम करेगा।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा नई शिक्षा नीति में भी इस बात का समावेश किया गया है। बचपन से ही प्रतिभाओं का आंकलन करने के बाद कौशल विकास और वैज्ञानिक दृष्किोण से जोड़ते हुए शोध व अनुसंधान तक पहुंचाया है। सांसद नरेश बसंल ने कहा आकाश तत्व शोध व अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

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