मोथरोवाला का चुनावी माहौल: क्यों सोबत चंद रमोला बन रहे लोगों की पहली पसंद, पढ़ें रिपोर्ट…
देहरादून: नगर निगम चुनावी शोर, जोर पकड़ने लगा है। चुनावी सरगर्मियां नजर आने लगी हैं। माहौल बनने लगा है। ऐसा ही कुछ माहौल नगर निगम देहरादून के वार्ड संख्या-85 में भी बनता हुआ नजर आ रहा है। मोथरोवाला वार्ड में आमतौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधी टक्कर मानी जाती रही है। लेकिन, इस बार माहौल कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है।
इसका सबसे बड़ा कारण भाजपा उम्मीदवार है, जिनके नाम का ऐलान होने के बाद से ही भाजपा कार्यकर्ता नाराज चल रहे हैं। दरअसल, भाजपा ने जिनको को टिकट दिया है। वह मामचंद कुछ महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
उनको टिकट देने की चर्चा पहले से ही चल रही थी। ऐसे में भाजपा के मूल कैडर के कार्यकर्ता पहले भी अपनी नाराजगी दर्ज कर चुके थे। बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने मामचंद को ही टिकट दिया। ऐसे में भाजपा से दावेदारी कर रहे कई दावेदारों ने मन बनाया कि इस बार निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरेंगे।
ऐसा हुआ भी। सोबत चंद रमोला समेत अन्य लोगों ने भी अपना नामांकन कराया। लेकिन, बाद में सभी ने सोबत चंद रमोला के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया। अब चुनाव मैदान में जहां एक नाम भाजपा कार्यकर्ता समर्थित सोबत चंद रमोला का है। वहीं, दूसरी ओर 6 महीने पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए भाजपा उम्मीदवार मामचंद मैदान में हैं।
भाजपा के मूल कैडर के पुराने कार्यकर्ता और नेता पार्टी के फैसले को मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि पार्टी को सींचने का काम जीवन भर समर्पित कार्यकर्ता करेंगे और टिकट महीने पहले पार्टी में आए किसी ऐसे व्यक्ति को दे दिया जाए, जो भाजपा की रीति-नीति को भी नहीं जानता है। और तो और पार्टी में शामिल होने के बाद एक बार भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कोई बैठक तक नहीं की।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि हम पार्टी के मूल कार्यकर्ता के लिए काम करेंगे। किसी ऐ व्यक्ति के लिए नहीं, जो 6 महीने पहले पार्टी में आया हो और आज सबका नेता बन गया। उनका कहना है कि आम कार्यकर्ताओं की भी यही राय है।
ऐसे में भाजपा के लिए चुनाव आसान नहीं होने वाला है। सोबत चंद रमोला के पक्ष में माहौल बन रहा है। लोग खुद ही उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं। यही कारण है कि मोथरोवाला वार्ड का चुनाव अब त्रिकोणीय होता हुआ नजर आ रहा है। तीसरा कोण कांग्रेस का है, लेकिन कांग्रेस फिलहाल कहीं नजर नहीं आ रही है।
एक तरफ जहां सोबत चंद रमोला के समर्थक घर-घर जाकर लोगों से वोट मांग रहे हैं। वहीं भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अब तक मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। अब देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में चुनाव किसी करवट बैठता है। फिलहाल सोबत चंद रमोला के पक्ष में माहौल बनता हुआ नजर आ रहा है। अगर इसी तरह उनकी टीम और समर्थक मैदान में डटे रहे तो वो अन्य उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकते हैं।