देहरादून: स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कई बार डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। बावजूद, अस्पताल मंत्री के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। मरीजों के साथ मानमानी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामले राजधानी के देहरादून के सबसे बड़े अस्पताल कोरोनेशन में एक मरीज को डॉक्टरों ने दो दिन तक भर्ती रखा और बाद में उसे रेफर कर दिया।

पुरोला के एक बुजुर्ग मरीज को यहां दो दिन तक भर्ती रखा गया। लेकिन, अब दून अस्पताल रेफर कर दिया गया। उनकी आंत फटने के बाद अब सर्जरी की जा रही है। पुरोला के 56 साल के हरिपा के बेटे मुकेश ने बताया कि वो 14 जुलाई की रात 12 बजे पिता के पेट में दर्द और सूजन हुआ तो कोरोनेशन अस्पताल लेकर आए।

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इमरजेंसी में भर्ती कर ग्लूकोज लगा दिया गया, सुबह ऑर्थाे वार्ड में शिफ्ट किया गया, क्योंकि उनके पैर में भी प्लास्टर था। मुकेश का कहना है कि उन्होंने बार-बार पेट की दिक्कत को ठीक करने के लिए कई बार कहा बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया। शनिवार सुबह उन्हें दून या एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। वह दून अस्पताल में उन्हें लेकर पहुंचे। सर्जन डॉ. धनंजय डोभाल ने अपने अंडर में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया, आंत फटने की वजह से उनकी तत्काल सर्जरी प्लान की और उसकी तैयारी शुरू कर दी।

वहीं, इस मामले कोरोनेशन के प्रभारी पीएमएस का कहना है कि कि मरीज को सर्जन डॉ. एसडी सकलानी देख रहे थे, उनसे मरीज के संबंध में जानकारी ली गई है। उन्होंने बताया कि मरीज को सही तरीके से देखा गया है।

एक्सरे में आंत में समस्या, अल्ट्रासाउंड में पित्त की थैली में समस्या दिखाई पड़ रही थी। ऐसी स्थिति में समस्या स्पष्ट करने के लिए गेस्ट्रो सर्जन की ओपिनियन होनी चाहिए। यहां पर गेस्ट्रो सर्जन न होने की वजह से उन्हें रेफर किया गया।

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