Trending News

उपनल कर्मचारियों का आक्रोश: नियमितीकरण में देरी पर 10 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना

उपनल कर्मचारियों का आक्रोश: नियमितीकरण में देरी पर 10 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना

देहरादून : उत्तराखंड उपनल कर्मचारी महासंघ ने सरकार द्वारा नियमितीकरण में देरी और उपेक्षा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। शनिवार को देहरादून के उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 10 नवंबर 2025 से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने कहा कि 2018 से उपनल कर्मचारी कोर्ट से लेकर सड़क तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2018 में समान कार्य के लिए समान वेतन और चरणबद्ध नियमितीकरण का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ तत्कालीन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की। 15 अक्टूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी। इसके बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

गोदियाल ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “तीन साल बेमिसाल” कार्यक्रम में उपनल कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की ठोस नीति बनाने की घोषणा की थी। 12 अप्रैल 2025 को आयोजित एक सम्मान समारोह में भी मुख्यमंत्री ने शीघ्र नियमावली बनाने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन बार-बार विभागों से डेटा मांगकर समय बर्बाद कर रहा है, जबकि सैनिक कल्याण विभाग पहले ही सभी आंकड़े उपलब्ध करा चुका है।

आंदोलन की रणनीति तैयार: गोदियाल ने चेतावनी दी कि 15 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पहली वर्षगांठ पर देहरादून में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद 25 अक्टूबर से प्रदेश कार्यकारिणी जिलों का दौरा कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी। यदि 9 नवंबर 2025 तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 10 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना शुरू होगा।

सरकार पर गंभीर आरोप: महासंघ के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.सी. पंत ने कहा कि सरकार हर साल कमेटियां बनाकर नियमितीकरण प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट का मामला अलग है, लेकिन कर्मचारी संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने को स्वतंत्र हैं।

विभागों में अनियमितताएं: प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद ने बताया कि उद्योग, ईएसआई, और दून मेडिकल कॉलेज जैसे विभागों में कर्मचारियों को बिना कारण हटाया जा रहा है। कई विभागों में सेवा विस्तार नहीं किया जा रहा, और सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी जैसे संस्थानों में मानदेय का भुगतान भी रुका हुआ है। इससे कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ विभागों में उपनल कर्मचारियों को हटाकर निजी एजेंसियों के जरिए नियुक्तियां की जा रही हैं, जो नियमों के खिलाफ है।

700 कर्मचारियों की बहाली: विनय प्रसाद ने कहा कि महासंघ के प्रयासों से शासन स्तर पर पत्राचार के जरिए लगभग 700 कर्मचारियों की बहाली की गई है। फिर भी, कई समस्याएं अनसुलझी हैं।

15-20 साल की सेवा के बाद भी अनदेखी: प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप सिंह चौहान ने कहा कि उपनल कर्मचारियों ने 15-20 साल तक सरकारी विभागों में सेवा दी, लेकिन सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। महासंघ ने अब चरणबद्ध हड़ताल का ऐलान किया है।

CATEGORIES
Share ThisFacebook, whatsapp, teligram

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )