
नागथात में जुबिन नौटियाल के गीतों ने बिखेरा रंग, बोले-जब अपनों के बीच होता हूं, भावनाएं खुद-ब-खुद उमड़ पड़ती हैं…
नागथात: जौनसार-बावर सांस्कृतिक पुनरुत्थान समिति के तत्वावधान में शनिवार को नागथात में स्व. महावीर सिंह चौहान ‘गुरुजी’ की स्मृति में 32वें वार्षिक लोक सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा महोत्सव का आयोजन धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे सुप्रसिद्ध बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने अपने गीतों से कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
मंच पर पहुंचते ही जुबिन का लोगों ने तालियों और नारों से जोरदार स्वागत किया। जुबिन ने मंच से कहा, कि मैं दुनिया के किसी भी कोने में चला जाऊं, लेकिन मेरी मातृभूमि जौनसार बावर हमेशा मेरे दिल के करीब रही है। यहां की संस्कृति, परंपराएं और लोकगीत मुझे बार-बार अपनी ओर खींच लाते हैं। जब मैं अपनों के बीच होता हूं, तो भावनाएं खुद-ब-खुद उमड़ पड़ती हैं।
इसके बाद जुबिन ने ‘झूरो लागी तेरी’, ‘मेरे घर राम आए हैं’, और ‘ओ ईजा’ जैसे अपने लोकप्रिय पहाड़ी गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हजारों की संख्या में मौजूद दर्शक उनके गीतों पर झूमते नजर आए और बार-बार उनसे फरमाइश करते रहे। जुबिन ने भी श्रोताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए एक के बाद एक गीत गाकर खूब तालियां बटोरीं।
इस अवसर पर जुबिन नौटियाल ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय नागथात के चार स्टूडेंट्स वागीशा तोमर, प्रियांशी तोमर, विराट तोमर और अंशिका सिंह को 11-11 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। इन चारों ने सैनिक स्कूल की लिखित परीक्षा पास की है। जुबिन ने उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि बच्चों की प्रतिभा को मंच और मार्गदर्शन देना समाज की ज़िम्मेदारी है।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और जुबिन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल ने इस अवसर पर कहा कि जौनसार बावर की जनता ने खत बहलाड़ क्षेत्र को हमेशा प्यार दिया है। जिला पंचातय अध्यक्ष बनाने और विधायक का चुनाव लड़ाने में भी जौनसार-बावर की जनता ने खूब समर्थन किया। उन्होंने कहा कि लोगों ने जुबिन को भी भरपूर स्नेह और आशीर्वाद दिया है।
कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक नृत्य, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और खेलकूद प्रतियोगिताओं ने भी दर्शकों का मन मोह लिया। नागथात का यह महोत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम बना, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का संदेश भी देता नजर आया।
इस भव्य आयोजन में पूर्व आईएएस कुलानंद जोशी, लोक सेवा अधिकरण के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौहान, रुद्र सेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी, रामराम एसोसिएट के संस्थापक देवेंद्र समेत अनेक सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी और क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।