डायबिटीज से ऐसे करें बचाव, इन लक्षणों से चलेगा पता कहीं शुगर तो नहीं?
डायबिटीज से ऐसे करें बचाव, इन लक्षणों से चलेगा पता कहीं शुगर तो नहीं?
डायबिटीज (शुगर) का सबसे महत्वपूर्ण कारण है अनियमित जीवनशैली। जो अभी मधुमेह के शिकार नहीं हैं, वे यदि अपनी जीवनशैली में प्रभावी बदलाव कर लें तो इस गंभीर प्रभाव पैदा करने वाली बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं। बच्चों में भी मधुमेह की संख्या बढ़ रही है। उनमें मोटापा कम करना जरूरी है। मोटापे की वजह से मधुमेह उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेता है।
बचाव
- यदि आप मोटापे से पीड़ित हैं, तो वजन को पांच से दस प्रतिशत कम करके मधुमेह को नियंत्रित कर सकते हैं।
- यदि मधुमेह की दवा खाते हैं वे सप्ताह में एक बार मधुमेह के स्तर का परीक्षण करते रहें।
- कुछ गलत धारणाओं से बचें, जैसे- चावल, आलू से दूर रहना। चावल,आलू का सेवन करें पर इनके साथ फैट न हो जैसे चावल खाएं, पर पुलाव का सेवन अधिक न हो।
- इसी तरह फलों से दूर रहने के बजाय कुछ फल, जैसे-आम, अंगूर, चीकू के अधिक सेवन से बचना चाहिए।
- अपने भोजन में एक फल जरूर शामिल करें। यह पोषण के लिए जरूरी है। सेब, पपीता, संतरा, नाशपाती, जामुन और अमरूद जैसे फल फाइबर से भरपूर फल हैं।
- मिठाई खाना है तो शुगर फ्री खा लिया, यह भी गलत है। शुगर फ्री का अपना नुकसान है। शुगर फ्री मिठाई खाकर आपने चीनी से परहेज किया, पर उसमें मौजूद वसा का सेवन करने से नुकसान से नहीं बच पाते हैं।
- अपने भोजन में तले भुने, मसालेदार पदार्थों को कम रखेंगे तो फैट को नियंत्रित करना आसान होगा अन्यथा मोटापा होगा और आपका इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ता जाएगा। -यह न भूलें कि आप चाहें कितनी ही दवा लें, इंसुलिन लें पर व्यायाम अथवा शारीरिक गतिविधि से दूर रहे तो मधुमेह नियंत्रण में नहीं रख सकते।
- मधुमेह नियंत्रण के लिए दवा से अधिक जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली व दिनचर्या को नियमित करें, इसलिए नई नई दवा के बारे में विचार करने से अच्छा है, स्वस्थ जीवनशैली पर टिकने का प्रयास करें।
लक्षण
- लगातार पेशाब आना।
- अधिक प्यास लगना।
- डिहाड्रेशन।
- भूख।
- वजन कम होना।
- थकाना।
- चक्कर आना।
- धीरे-धीरे घाव कम होना।
डायबिटीज से ऐसे करें बचाव, इन लक्षणों से चलेगा पता कहीं शुगर तो नहीं?