
संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गरमाया माहौल : गृह मंत्री अमित शाह ने दिया बड़ा बयान, तीनों आतंकी मार गिराए गए
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र के सातवें दिन मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में तीखी चर्चा देखने को मिली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और उससे जुड़े आतंकवाद-रोधी प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीनों आतंकवादी मारे जा चुके हैं। यह कार्रवाई भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत अंजाम दी गई।
अमित शाह ने कहा कि मारे गए तीनों आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक थे, जिनकी पहचान सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिबरान के रूप में हुई है। इनमें सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का ए-श्रेणी का कमांडर था, जबकि अफगान और जिबरान भी ए-ग्रेड के आतंकवादी थे। उन्होंने बताया कि हमले के बाद आतंकियों को शरण देने और खाना पहुंचाने वाले लोगों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था। बाद में श्रीनगर में शवों की पहचान इन्हीं गिरफ्तार आरोपियों द्वारा की गई।
गृह मंत्री ने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट और जब्त राइफलों के मिलान से भी यह पुष्टि हो गई कि ये तीनों वही आतंकवादी थे जिन्होंने बैसरन घाटी और पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ स्थित फॉरेंसिक लैब में रिपोर्ट के जरिए इनकी संलिप्तता पुख्ता हो गई।
अमित शाह ने लोकसभा में अपने वक्तव्य के दौरान भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने हमले के बाद पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। मैंने एक नवविवाहिता महिला को देखा जो शादी के 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी। वो दृश्य आज भी मेरी आंखों के सामने है।
इससे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में सरकार का पक्ष रखते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अब आतंकी हमलों को सहन नहीं करेगा और अगर दोबारा उकसाया गया, तो करारा जवाब देने में झिझक नहीं करेगा।
विपक्ष ने इस विषय को लेकर सरकार पर सवाल उठाए और बिहार में वोटर लिस्ट एसआईआर मुद्दे को भी सदन में उठाया, लेकिन केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को सख्ती से आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।