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उत्तराखंड में बिजली दरों में 5.62% की बढ़ोतरी, 27 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर बढ़ा बोझ

उत्तराखंड में बिजली दरों में 5.62% की बढ़ोतरी, 27 लाख उपभोक्ताओं की जेब पर बढ़ा बोझ

देहरादून। उत्तराखंड के 27 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को नया वित्तीय वर्ष एक और झटका लेकर आया है। विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में 5.62 प्रतिशत की औसत वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा, क्योंकि प्रति यूनिट करीब 15 पैसे का अतिरिक्त भार उपभोक्ताओं को उठाना होगा।

बिजली दरों में वृद्धि का पूरा गणित

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए यूपीसीएल (UPCL) ने जहाँ 12.01% टैरिफ वृद्धि का प्रस्ताव दिया था, वहीं समस्त बिजली कंपनियों द्वारा लगभग 29.23% की कुल वृद्धि प्रस्तावित की गई थी। लेकिन आयोग ने इसमें से केवल 5.62% वृद्धि को स्वीकृति दी है।

इस वृद्धि से UPCL को अनुमानतः ₹27.09 करोड़ का अधिशेष प्राप्त होगा, जिसे आयोग ने भविष्य की आपातकालीन बिजली खरीद की लागत के लिए आरक्षित किया है।

टैरिफ बदलाव की मुख्य बातें

क्रॉस सब्सिडी में संतुलन: आयोग ने सभी श्रेणियों में क्रॉस-सब्सिडी को संतुलित करने का प्रयास किया है, ताकि सभी उपभोक्ताओं के बीच अधिक न्यायसंगत दरें सुनिश्चित हो सकें।

डिमांड चार्ज में कोई बदलाव नहीं: RTS-4A (कृषि संबंधी गतिविधियों को छोड़कर) सहित किसी भी श्रेणी में डिमांड चार्ज नहीं बढ़ाए गए हैं।

BPL उपभोक्ताओं को मामूली झटका: करीब 4.64 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट दर में केवल 10 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

स्नोबाउंड क्षेत्रों के लिए संशोधन: ऐसे क्षेत्रों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे और गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट तक की वृद्धि लागू की गई है, जो उनके कनेक्शन लोड पर निर्भर करती है।

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरें

  • 100 यूनिट/माह तक: 25 पैसे की वृद्धि
  • 101-200 यूनिट/माह: 35 पैसे की वृद्धि
  • 201-400 यूनिट/माह: 45 पैसे की वृद्धि
  • 400 यूनिट से अधिक: 45 पैसे की वृद्धि
  • एकल बिंदु थोक आपूर्ति: 50 पैसे/kVAh की वृद्धि

क्रॉस सब्सिडी और नीति की कसौटी

राष्ट्रीय टैरिफ नीति के अनुसार क्रॉस सब्सिडी को +/- 20% के भीतर रखना अनिवार्य है। घरेलू श्रेणी में यह फिलहाल 19.63% है, जो नीति के अनुरूप है। सबसे निचले स्लैब (100 यूनिट तक) के लिए दर को ₹3.65/kWh से बढ़ाकर ₹6.13/kWh तक करने की आवश्यकता जताई गई, ताकि यह औसत आपूर्ति लागत के 80% के करीब रहे।

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