
दिल के मरीज़ों के लिए डॉ. रोहित चौहान के विंटर केयर टिप्स – ठंड में कैसे रखें दिल का ख़याल
जैसे-जैसे उत्तर भारत में ठंड बढ़ रही है, अस्पतालों में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में 20-30% तक की वृद्धि दर्ज की जा रही है। मैक्स हॉस्पिटल, दिल्ली के सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. रोहित चौहान ने कहा है कि ठड़ में अपने दिल की सेहत का ख्याल ज्यादा रखें। ठंडी हवा से ब्लड वेसल्स सिकुड़ती हैं, ब्लड गाढ़ा होता है, बीपी बढ़ता है और दिल पर अचानक दबाव पड़ता है। यही हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनता है। डॉ. चौहान ने कहा, “सर्दी में हार्ट अटैक का रिस्क 30% तक बढ़ जाता है। लेकिन अगर मरीज पहले से सतर्क रहें, तो 90% मामलों में इसे रोका जा सकता है।” उनकी विशेषज्ञता के आधार पर, यहां 10 जरूरी विंटर केयर टिप्स दिए जा रहे हैं जो हर हार्ट पेशेंट को फॉलो करने चाहिए:
1. गरम कपड़े पहनें – बॉडी टेम्परेचर मेंटेन रखें
ठंड में ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर ज़्यादा स्ट्रेस पड़ता है। इसलिए:
- वार्म और कंफर्टेबल लेयर्स पहनें – कॉटन या ऊन सबसे अच्छा रहता है।
- बाहर निकलते समय स्कार्फ़ या शॉल से अपनी छाती और गले को ढकें।
- बहुत टाइट कपड़े न पहनें जिससे ब्लड सर्क्युलेशन रुक सकता है।
शरीर को गरम रखना सिर्फ़ आराम के लिए नहीं, बल्कि दिल और पूरी सेहत के लिए ज़रूरी है।
2. एक्टिव रहें – लेकिन सेफ़ली
एक्सरसाइज़ दिल के लिए बहुत ज़रूरी है, लेकिन सर्दियों में थोड़ा समझदारी से करनी चाहिए:
- सुबह देर से वॉक पर जाएँ, जब सूरज निकल चुका हो।
- ज़्यादा ठंड हो तो घर में योगा, स्ट्रेचिंग या लाइट एरोबिक्स करें।
- ओवरएक्सर्शन से बचें, और अगर छाती में दर्द, साँस लेने में तकलीफ़ या थकान महसूस हो तो तुरंत आराम करें।
- रेग्युलर एक्टिविटी से ब्लड फ्लो बेहतर रहता है और दिल मज़बूत होता है – बस ओवर मत करें।
3. विंटर में हार्ट-फ्रेंडली डाइट लें
सर्दियों में सभी को गरम और हैवी खाना पसंद आता है, पर बैलेंस ज़रूरी है:
- सीज़नल फ्रूट्स जैसे संतरा, अमरूद और अनार खाएँ – ये एंटीऑक्सिडेंट्स से भरे होते हैं।
- नमकीन और मिठाइयाँ कम खाएँ ताकि बीपी और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहे।
- नट्स, सीड्स, ऑलिव ऑयल और ओमेगा-3 रिच मछली अपनी डाइट में शामिल करें।
- पानी कम लगता है तो सूप, ग्रीन टी या हर्बल टी से हाइड्रेटेड रहें।
हेल्दी डाइट से एनर्जी भी बनी रहती है और दिल भी फिट रहता है।
4. पानी पीना न भूलें
सर्दियों में प्यास कम लगती है, लेकिन डिहाइड्रेशन फिर भी हो सकता है:
- दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें, चाहे प्यास न लगे।
- नारियल पानी, ताज़े जूस या सूप भी ले सकते हैं।
- ज़्यादा चाय या कॉफ़ी से बचें, ये बॉडी को डिहाइड्रेट करती हैं।
- हाइड्रेशन से ब्लड फ्लो और दिल का पम्पिंग फ़ंक्शन दोनों बेहतर रहते हैं।
5. मन और मूड दोनों का ध्यान रखें
सर्दी के मौसम में कई लोगों को उदासी या बेचैनी महसूस होती है (Seasonal Affective Disorder – SAD)। ये दिल की सेहत पर भी असर डाल सकती है।
- रोज़ कुछ देर धूप में बैठें, नैचुरल लाइट से मूड बेहतर होता है।
- मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग या अपनी हॉबीज़ में समय बिताएँ।
- फैमिली और दोस्तों के साथ वक्त बिताएँ।
- अगर डिप्रेशन के लक्षण ज़्यादा दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
हेल्दी माइंड = हेल्दी हार्ट
6. फ्लू और कोल्ड से बचाव ज़रूरी है
सर्दी, खाँसी या वायरल इन्फेक्शन हार्ट पेशेंट्स के लिए रिस्की हो सकते हैं।
- फ्लू वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
- हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
- अगर बुखार, थकान या खाँसी हो तो डॉक्टर से तुरंत मिलें।
जल्दी इलाज से इंफेक्शन बढ़ने से रोका जा सकता है।
7. हाइपोथर्मिया और फ्रॉस्टबाइट से बचें
हार्ट पेशेंट्स में ब्लड सर्क्युलेशन कम होने के कारण ठंड से जुड़ी प्रॉब्लम्स का रिस्क ज़्यादा रहता है:
- सुबह उठते ही तुरंत बाहर न जाएँ, शरीर को थोड़ा समय दें एडजस्ट होने का।
- बाहर जा रहे हों तो जैकेट या स्वेटर ज़रूर पहनें।
- नहाने के लिए गुनगुना पानी इस्तेमाल करें – बहुत गरम या ठंडा पानी नहीं।
बहुत ठंडी या तेज़ हवा वाले दिनों में बाहर जाने से बचना ही सबसे अच्छा है।
8. बाहर निकलते वक्त एक्स्ट्रा केयर लें
अगर बाहर निकलना ज़रूरी हो, तो ये बातें याद रखें:
- फिसलन से बचने के लिए नॉन-स्लिप जूते पहनें।
- भारी सामान उठाने या तेज़ चलने से बचें।
- अपनी दवाइयाँ और पानी हमेशा साथ रखें।
अगर समझ न आए कि बाहर जाना सेफ़ है या नहीं, तो अपने कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लें।
9. डॉक्टर के संपर्क में रहें
सर्दियों में रेग्युलर हेल्थ चेकअप और भी ज़रूरी हो जाता है।
- बीपी और कोलेस्ट्रॉल चेक करवाते रहें।
- डॉक्टर से डिस्कस करें अगर मेडिसिन या रूटीन में कोई बदलाव चाहिए।
- अगर छाती में दर्द, थकान या घबराहट महसूस हो तो इग्नोर न करें।
अपने नज़दीकी हार्ट हॉस्पिटल या स्पेशलिस्ट से जुड़े रहना हमेशा सेफ़ रहता है।
10. वेदर अपडेट्स चेक करते रहें
अचानक मौसम या एयर क्वालिटी में बदलाव दिल पर असर डाल सकता है।
- रोज़ का वेदर और AQI चेक करें।
- अगर हवा की क्वालिटी खराब हो तो बाहर कम निकलें या एयर प्यूरीफ़ायर इस्तेमाल करें।
- आउटडोर प्लान करने से पहले मौसम ज़रूर देख लें।
- प्लानिंग से स्ट्रेस कम होता है और सेहत बेहतर रहती है।
सर्दियों में दिल के मरीज़ों को थोड़ा एक्स्ट्रा ध्यान रखना ज़रूरी है। अगर आप गरम कपड़े पहनते हैं, एक्टिव रहते हैं, हेल्दी डाइट लेते हैं और डॉक्टर से रेग्युलर कनेक्टेड रहते हैं, तो आपका दिल पूरे सीज़न में सेफ़ रहेगा।इमरजेंसी की स्थिति में अपने नज़दीकी हार्ट हॉस्पिटल का पता और संपर्क नंबर हमेशा साथ रखें। थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता, आपको दे सकती है एक हेल्दी और हैप्पी विंटर!
FAQs
- कितनी ठंड हार्ट पेशेंट्स के लिए रिस्की होती है?
जब टेम्परेचर नीचे चला जाता है, तो हार्ट पेशेंट्स को एक्स्ट्रा सावधानी रखनी चाहिए — खासकर सुबह और रात में। - क्या विंटर में हार्ट अटैक का रिस्क ज़्यादा होता है?
हाँ, ठंडी हवा से ब्लड वेसल्स सिकुड़ जाती हैं जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल पर ज़्यादा लोड पड़ता है। - अचानक टेम्परेचर ड्रॉप के लिए कैसे तैयार रहें?
गरम कपड़े तैयार रखें, हाइड्रेटेड रहें, ज़्यादा मेहनत न करें, और अपनी दवाइयाँ व इमरजेंसी कॉन्टैक्ट्स हमेशा पास रखें।


