उत्तराखंड: कर्मचारियों को दीपावली तोहफा, बढ़ा महंगाई भत्ता
वित्त विभाग के शासनादेश संख्या-199033/XXVII(7)/E-22807/2022, दिनांक 14 मार्च, 2024 द्वारा राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, जिन्हें 7वां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य है, को दिनांक 01 जनवरी, 2024 से 50% की दर से प्रतिमाह महंगाई भत्ता अनुमन्य किया गया है।
2- वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय ज्ञाप संख्या 1/5/2024-ई-।। (बी) के क्रम में राज्य सरकार और राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के नियमित एवं पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित् कर्मचारियों तथा यू०जी०सी० वेतनमानों में कार्यरत् पदधारकों, जिन्हें 7वां पुनरीक्षित वेतनमान अनुमन्य किया गया है, को पूर्व निर्धारित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन दिनांक 01.07.2024 से मूल वेतन में अनुमन्य महंगाई भत्ते की वर्तमान दर 50% को बढ़ाकर 53% प्रतिमाह किए जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
3- यह आदेश मा० उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्य क्ष, सदस्यों तथा सार्वजनिक उपक्रम आदि के कार्मिकों पर स्वतः लागू नहीं होंगे, उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों द्वारा पृथक से आदेश निर्गत किये जाने अपेक्षित होंगे।
4- उक्त कार्मिकों को दिनांक 01.07.2024 से दिनांक 31 सितम्बर, 2024 तक के पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते के अवशेष (एरियर) का भुगतान नकद किया जायेगा तथा दिनांक 01 अक्टूबर, 2024 से मंहगाई भत्ते का भुगतान नियमित रूप से वेतन में सम्मिलित कर प्रदान किया जायेगा, किन्तु अंशदायी पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों के पेंशन अंशदान तथा उतनी ही धनराशि नियोक्ता के अंश के साथ नई पेंशन योजना से सम्बन्धित खाते में जमा की जाएगी तथा शेष धनराशि नगद भुगतान की जाएगी।
5- उक्त वर्णित शर्तों एवं पूर्व में वर्णित शर्तों/ प्रतिबन्धों के अधीन उपरोक्तानुसार स्वीकृत महंगाई भत्ता उत्तराखण्ड राज्य के अधीन कार्यरत् अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भी अनुमन्य होगा।
अराजपत्रित श्रेणी के राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्यप्रभारित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं व स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के कर्मचारियों तथा कैजुअल / दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 2023-24 के लिए उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) का भुगतान के सम्बन्ध में उप सचिव, वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के कार्यालय ज्ञापन संख्या-7/24/2007/- (ए) दिनांक 10 अक्टूबर, 2024 द्वारा केन्द्र सरकार के अराजपत्रित कर्मचारियों को वर्ष 2023-24 के लिए 30 दिन की परिलब्धियों के बराबर (अधिकतम धनराशि रू0 7000/- (रु० सात हजार मात्र)) की सीमा निर्धारित करते हुए तदर्थ बोनस स्वीकृत किया गया है।
2-अतः उक्त के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि राज्यांतर्गत समूह ‘ख’ के समस्त अराजपत्रित कर्मियों, जिनका ग्रेड वेतन रू0 4800/- (पुनरीक्षित वेतनमान 47600-151100, (लेवल-8)) तक है तथा राजकीय, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के समूह ‘ग’ एवं ‘घ के कर्मियों, जो उत्पादकता से सम्बद्ध किसी बोनस स्कीम से अच्छादित नहीं होते हैं, को निम्नलिखित शर्तों/प्रतिबन्धों के अधीन उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) अनुमन्य किये जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं:-
(1). कंवल वे कर्मचारी इन आदेशों के अन्तर्गत तदर्थ बोनस के पात्र होंगे, जो दिनांक 31-03-2024 को सेवा में थे और जिन्होंने 31 मार्च, 2024 तक न्यूनतम छः माह की निरन्तर एवं सन्तोषजनक सेवा की हो। वर्ष के दौरान छः महीने से पूरे एक वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए पात्र कर्मचारियों को यथा अनुपात भुगतान किया जायेगा, पात्रता अवधि की गणना सेवा के महीनों (महीनों की निकटतम संख्या में पूर्णांकित संख्या) के रूप में की जायेगी।
(2). उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की गणना करने के लिए एक वर्ष की औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक माह के औसत दिनों की संख्या) से विभाजित किया जाएगा, तत्पश्चात दिये जाने वाले बोनस के दिनों की संख्या से इसको गुणा किया जायेगा। उदाहरण के लिए मासिक परिलब्धियों की उच्चतम गणना सीमा रु0 7000/- (जहां वास्तविक परिलब्धियां रु० 7000/- से ज्यादा है) मानते हुए 30 दिनों के लिए उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) रू0 7000 X 30/30.46907.89 (पूर्णांकित रु-6908/-) होगा।
(3). ऐसे कैजुअल / दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, जिन्होंने छः कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में पिछले तीन वर्ष अथवा इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य दिवसीय सप्ताह माले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है. इस उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) तो पात्र होंगे। देय तदर्थ बोनस की राशि रू० 1200 X 30/30.4 अर्थात रू0 1184.21 (पूर्णाकिरत रू0 1184/-) होगी। ऐसे मामलों में जहां वास्तविक परिलब्धियां रू0 1200/- से कम है. इस राशि की गणना वास्तविक मासिक परिलब्धियों के आधार पर की जाएगी। (4). इन आदेशों के अधीन तदर्थ बोनस की धनराशि रूपये के निकटतम् पूर्णाक में भुगतान की जायेगी।
(5). ऐसे कर्मचारी जिनके विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा किसी न्यायालय में आपराधिक वाद लम्बित हो, को तदर्थ बोनस का भुगतान ऐसी अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा मुकदमें का परिणाम प्राप्त होने तक स्थगित रहेगा, जो दोषमुक्त होने की दशा में ही अनुमन्य होगा। जिन कर्मचारियों को वर्ष 2023-24 में किसी विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा आपराधिक मुकदमें में दण्ड दिया गया हो. उन्हें तदर्थ बोनस देय नहीं होगा।
(6). किसी वित्तीय वर्ष के तदर्थ बोनस के सम्बन्ध में एक बार निर्णय ले लिये जाने के पश्चात आगामी वर्ष में किसी भी परिस्थिति में पुनर्विचार नहीं किया जायेगा। (7). तदर्थ बोनस की स्वीकृति के फलस्वरूप ऐसे कार्मिकों को मानदेय केवल महत्वपूर्ण
एवं विशिष्ट कार्यों के लिये ही दिया जायेगा। (8), अवैतनिक अवकाश के मामलों को छोड़कर, अन्य प्रकार के अवकाशों की अवधि को पात्रता अवधि की गणना के प्रयोजन के लिए आंगणित किया जायेगा।
(9). लेखा वर्ष में किसी अवधि के लिए निलम्बित रहे कार्मिक को तदर्थ बोनस अनुमन्य नहीं होगा। ऐसा कार्मिक यदि निलम्बन की अवधि के लिए परिलब्धियों के लाभ सहित बहाल होता है तो वह तदर्थ बोनस के लाभ का पात्र होगा।
(10) ऐसे स्थानीय निकाय एवं विकास प्राधिकरण जो लाभ में हो, के कर्मियों को भी तदर्थ बोनस की धनराशि उक्तानुसार देय होगी, किन्तु उक्त का भुगतान सम्बन्धित निकाय/विकास प्राधिकरण द्वारा अपने संसाधनों से स्वयं वहन करना होगा। इसके लिये शासन द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया जायेगा।
3- अनुमन्य तदर्थ बोनस का भुगतान नकद धनराशि के रूप में किया जायेगा।
4-उक्त स्वीकृत तदर्थ बोनस को सम्बन्धित्त आय-व्ययक के उक्त लेखाशीर्षक के नामे डाला जायेगा, जिससे सम्बन्धित कर्मचारियों के वेतन व्यय का वहन किया जाता है तथा उसे मानक मद “वेतन” के अन्तर्गत पुस्तांकित किया जायेगा।